केजरीवाल बोले,'जनता को बताऊंगा, मोदी जी बिजली कंपनियों से मिले हुए हैं'
बिजली कंपनियों को लेकर छिड़ी जंग और तेज हो गई है। केजरीवाल ने कहा है कि मोदी जी ने फोन करके एलजी साहेब (उपराज्यपाल) नजीब जंग से कहा है कि कंपनियां जो कहें वह वहीं करें।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बिजली कंपनियों को लेकर छिड़ी जंग और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था। उन्होेंने कहा था कि दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रही कंपनियां मोदी जी से मिली हुई हैं। आज सुबह उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'पूरे देश में मैं जगह-जगह जाकर लोगों को बताऊंगा कि मोदी जी बिजली कंपनियों से मिले हुए हैं।'
पूरे देश में मैं जगह जगह जाकर लोगों को बताऊँगा की मोदी जी बिजली कंपनियों से मिले हुए हैं https://t.co/lgbwSowQ2w
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 30, 2016
मोदी ने एलजी से कहा, कंपनियां जो कहें वह वहीं करेंः केजरीवाल
इससे पहले कल केजरीवाल ने कहा थाी कि उन्हें जानकारी मिली है कि मोदी जी ने फोन करके एलजी साहेब (उपराज्यपाल) नजीब जंग से कहा है कि कंपनियां जो कहें वह वहीं करें।
मोदीजी बिजली कंपनियों की जेब में। बिजली कंपनियाँ मोदी जी से मिली। मोदीजी ने फ़ोन करके LG को कहा कि जो ये कहे वो करो https://t.co/ftWAqJQpx3
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 29, 2016
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली का रेट 200 यूनिट से ऊपर खर्च होने पर साढ़े पांच रुपये प्रति यूनिट और 400 यूनिट से अधिक खर्च होने पर 12 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित है।
मोदी जी गुजरात के बराबर दिल्ली में बिजली के रेट करना चाहते हैं
गुजरात में 200 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वालों से 11 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल लिया जाता है। 400 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वालों से 23 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल वसूला जाता है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी जी गुजरात के बराबर दिल्ली में बिजली के रेट करना चाहते हैं।
Cost of 200/400 units of electricity
In Del- Rs 550/1200
In Gujarat- Rs 1100/2300
Now Modiji wants Del rates also to be equal to Gujarat— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 29, 2016
दिल्ली की सत्ता में आने के बाद से आप और केंद्र सरकार के बीच तनातनी रही है। इसमे कहीं न कहीं उपराज्यपाल नजीब जंग केंद्र बिंदु रहे हैं। तनातनी वाले जो मुद्दे हैं, सरकार उनमें दिल्ली में बिजली वितरण कर रही कंपनियों को भी शामिल करती रही है।
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गौरतलब है कि अधिकारों को लेकर चल रही लड़ाई मे 4 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने उपराज्यपाल के पक्ष मे फैसला दिया था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया था, जिसमें 2 घंटे से अधिक बिजली कटौती होने पर बिजली कंपनियों पर जुर्माने का प्रावधान था।
इसी बीच ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन जनता के हित को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों पर जुर्माने की फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी है। उपराज्यपाल इस पर अनुमति दे सकते हैं। बिजली पर सब्सिडी देने वाली फाइल शनिवार को उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार से अपने पास मंगवा ली है।
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