टैंकर घोटाला: 'शीला से कड़ाई से हो पूछताछ, ताकि सब कुछ हो जाए साफ'
कपिल मिश्रा ने एसीबी को लिखे पत्र मेंं फिर निवेदन किया है कि टैंकर घोटाले की आरोपी शीला दीक्षित से एक बार कड़ाई से पूछताछ की जाए ताकि सब कुछ साफ हो जाए।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जल बोर्ड टैंकर घोटाले के शिकायतकर्ता व दिल्ली सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के एक पत्र से बिफरे हुए हैं। इस पत्र मेंं एसीबी ने उनसे घोटाले से संबंधित कुछ तथ्योंं पर दोबारा जानकारी मांगी है।
मंत्री का कहना है कि टैंकर घोटाले की जो शिकायत उन्होंंने एसीबी को दी, उसे आज तक ठीक तरह से पढ़ा तक नहींं गया। यही कारण है कि पूर्व मेंं लिखित और मौखिक रूप से दी गई जानकारियां ही एसीबी ने दोबारा पत्र लिखकर मांगी है।
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जल मंत्री कपिल मिश्रा ने शनिवार को दिल्ली सचिवालय मेंं आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि टैंकर घोटाले से संबंधित एसीबी के असिस्टेंंट कमिश्नर महेंंद्र पाल सिंह द्वारा लिखा गया पत्र उन्हेंं 22 सितंबर को मिला। इस पत्र मेंं मेरे द्वारा की गई शिकायत का जिक्र तथा उसकी एक प्रति भेजी गई। इसमेंं फिर वही सवाल पूछे गए हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घोटाले की जानकारी मिलने पर क्या कार्रवाई की। जबकि इस सवाल तथा इसके अलावा अन्य सवाल जो मुझसे एसीबी ने चार जुलाई को अपने दफ्तर मेंं बुलाकर पूछा था, सबका लिखित जवाब दे आया हूं।
मिश्रा ने कहा एसीबी ने आज तक उसे पढ़ने की जहमत नहींं उठाई। उन्होंंने आशंका जताई कि एसीबी आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहींं कर बार-बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बारे मेंं पूछताछ कर रही है। उन्होंंने एसीबी की नीयत पर सवाल उठाए हैं। कपिल मिश्रा ने एसीबी को लिखे पत्र मेंं फिर निवेदन किया है कि टैंकर घोटाले की आरोपी शीला दीक्षित से एक बार कड़ाई से पूछताछ की जाए ताकि सब कुछ साफ हो जाए।
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क्या है टैंकर घोटाला ?
वर्ष 2012 मेंं पानी के टैंंकर खरीदे जाने मेंं 400 करोड़ रुपये के घपले का आरोप तत्कालीन दिल्ली सरकार पर है। उस समय दिल्ली मेंं शीला दीक्षित के नेतृत्व मेंं कांग्रेस की सरकार थी। आप सरकार के गठन के बाद जल मंत्री कपिल मिश्रा ने इस मामले की जांंच के लिए पिछले वर्ष 19 जुलाई को कमेटी गठित की थी। जांंच समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अगस्त मेंं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्होंंने पत्र लिखा था।
कपिल मिश्रा ने मुख्यमंंत्री को अवगत कराया था कि पूर्व मुख्यमंंत्री एवंं तत्कालीन जल बोर्ड की अध्यक्ष शीला दीक्षित तथा जल बोर्ड के अन्य सदस्योंं द्वारा टैंकरोंं के माध्यम से पानी वितरण करने के मामले मेंं बार बार कानून को नजरअंंदाज किया गया।
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