जानें, केजरीवाल की पंजाब यात्रा के अनछुए पहलू, 10 दिन बाद होगी वापसी
पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल की आज से शुरू हो रही दस दिवसीय ट्रिप को सियासी हलकों में काफी अहम माना जा रहा है। आखिर केजरीवाल के इस ट्रिप की क्या हैंं खास बातें और अनछुए पहलू।
नई दिल्ली [ जेएनएन ] । दिल्ली की सियासत को छोड़ एक बार फिर आप के संयोजक व सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के दस दिवसीय यात्रा पर निकल रहे हैं। उनकी नजर गत वर्ष पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इस बार के पंजाब ट्रिप में केजरीवाल ने युवाओं एवं व्यापारियों के साथ-साथ यहां के किसानों को भी आप के साथ जोड़ने का प्लान तैयार किया है।
केजरीवाल को ऐसा लगता है कि पंजाब उनकी सियासी जमीन के लिए काफी उर्वक है। दूसरे यहां जिस प्रकार के सियासी स्थितियां है उससे उन्हें इस राज्य में जीत की भारी संभावनाएं दिख रही है। ऐसे में केजरीवाल यहां चुनाव में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं। उन्होंने पूरा फोकस पंजाब पर लगा रखा है।
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एक बात और भी उनकी यात्रा में खास है। पंजाब यात्रा में लगातार दूसरी बार उन्होंने अपना केंद्र लुधियाना को ही बनाया है। सवाल यह है कि आखिर हर बार वह लुधियाना को ही अपना प्रमुख केंद्र क्यों चुन रहे हैं ?
इसके साथ अक्सर उनकी यात्रा शनिवार या रविवार को हो रही है। इसकी दो वजहे हो सकती है। एक तो यह कि शनिवार और रविवार अवकाश का दिन होता है, छुट्टी होने के कारण उनके कार्यकर्ताओं के लिए बैठकों में शामिल होना आसान होता होगा।
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केजरीवाल की चुनावी नीति से साफ है कि इस राज्य में उनका फोकस युवा व उद्यमी हैं। इस मामले में लुधियाना उन्हें ज्यादा सही और सटीक जगह लगती है। लुधियाना में छोट व बड़े उद्यमियों के साथ व्यापारियों की भारी तादाद है।
अपनी पूर्व पंजाब यात्रा के दौरान केजरीवाल ने राज्य के युवाओं के लिए पार्टी घोषणापत्र जारी किया था और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से मिलें थे। इसी क्रम में उन्होंने उस यात्रा में स्वर्ण मंदिर और दुर्गियाना मंदिर में मत्था भी टेके थे।
फिलहाल केजरीवाल की यह पंजाब यात्रा कई चरणों में हो रही है। प्रथम चरण में केजरीवाल लुधियाना को केंद्र बनाकर पूरे राज्य का भ्रमण करेंगे। उनके एजेंडे में राज्यभर के किसान होंगे। कार्यक्रम के दूसरे चरण में वह तीन अक्टूबर तक लुधियाना में रहेंगे। इस दौरान वह पंजाब की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। इसके साथ ही वह कुछ रैलियों को भी संबोधित करेंगे। इस चुनावी अभियान के साथ वह संगठन के लिए भी काम करेंगे। चर्चा है कि वह कार्यकर्ताओं की भी बैठक लेंगे और उनको आप की रणनीति के बारे में बताएंगे।
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