जेठमलानी का तंज- तो गरीब क्लाइंट मान मुफ्त में लड़ूंगा केजरीवाल का केस
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के मानहानि मामले देश के जाने माने वकील रामजेठ मलानी ने बयान देकर मामला गर्मा दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। डीडीसीए मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के मानहानि मामले देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने बयान देकर मामला गर्मा दिया है।
एएनआइ के मुताबिक, मानहानि केस में केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि वह केवल पैसे वालों से ही फीस लेते हैं जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं।
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उन्होंने कटाक्ष करने के अंदाज में बोला कि अगर आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल वकालत की फीस देने में असमर्थ हैं तो वह मुफ्त में उनका केस लड़ेंगे।
अरुण जेटली मानहानि केस में राम जेठमलानी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार उनकी फीस नहीं दे सकती है या फिर देने में असमर्थ है। ऐसी स्थिति में मुफ्त में सेवाएं दूंगा। ऐसे में मैं एक गरीब क्लाइंट की तरह उसका केस लडूंगा।
उन्होंने कहा कि देश में हर कोई जानता है कि मैं सिर्फ अमीरों से भी फीस लेता हूं, लेकिन गरीब क्लाइंट से फीस नहीं लेता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे क्लाइंट 90 फीसद गरीब तबके के हैं।
मानहानि केस में करोड़ों की फीस को लेकर जेठमलानी ने जेटली को लपेटा
राम जेठमलानी ने इशारों-इशारों में इस पूरे मामले पर वित्त मंत्री पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा है कि यह सब अरुण जेटली का कराया हुआ है जो केस में उनके द्वारा किए गए क्रॉस इक्जामिनेशन से डर गए हैं।
I charge only the rich but for poor I work for free. All this is instigated by Mr.Jailtley who's afraid of my cross-examination-Jethmalani pic.twitter.com/GnKjDq0pv4— ANI (@ANI_news) April 4, 2017
गौरतलब है कि केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से चल रहे मानहानि के केस में राम जेठमलानी को वकील बनाया है। उनकी फीस के भुगतान के लिए फाइल विधि विभाग को भेजी गई थी।
दिसंबर 2016 में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कानून विभाग को पत्र भेजा था। जवाब में विधि मंत्रलय ने एलजी की अनुमति के लिए फाइल भेजी थी। जेठमलानी का बिल करीब तीन करोड़ रुपये है।
कानून विभाग ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मानहानि मामले से दिल्ली सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। इससे दिल्ली के प्रशासन का कोई सरोकार नहीं है।
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