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    जनता के पैसे से वकील की फीस देना चाहते हैं केजरीवाल, गेंद LG के पाले में

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Tue, 04 Apr 2017 02:40 PM (IST)

    कानून विभाग ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मानहानि मामले से दिल्ली सरकार का कोई लेनादेना नहीं है। इससे दिल्ली के प्रशासन का कोई सरोकार नहीं है।

    जनता के पैसे से वकील की फीस देना चाहते हैं केजरीवाल, गेंद LG के पाले में

    नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बिलों के भुगतान को लेकर सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार से सलाह मांगी है। दिल्ली के कानून विभाग ने इन बिलों का मामला एलजी के पास भेजा था। विभाग का कहना था कि इसके लिए एलजी की अनुमति जरूरी है।

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    केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से चल रहे मानहानि के केस में राम जेठमलानी को वकील बनाया था। उनकी फीस के भुगतान के लिए फाइल विधि विभाग को भेजी गई थी। दिसंबर 2016 में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कानून विभाग को पत्र भेजा था। जवाब में विधि मंत्रलय ने एलजी की अनुमति के लिए फाइल भेजी थी। जेठमलानी का बिल करीब तीन करोड़ रुपये है।

    कानून विभाग ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मानहानि मामले से दिल्ली सरकार का कोई लेनादेना नहीं है। इससे दिल्ली के प्रशासन का कोई सरोकार नहीं है।

    यह है पूरा मामला 

    डीडीसीए मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाने के बाद मानहानि का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि इस केस में अब तक जो राशि करीब 3 करोड़ रुपए हो चुकी है उसे करदाताओं के पैसे से चुकाया जाए।

    मानहानि केस में केजरीवाल की तरफ से मशहूर वकील रामजेठमलानी पैरवी कर रहे हैं। इस केस में रामजेठमलानी ने कथित तौर पर रिटेनरशिप के रूप में एक करोड़ रुपये का बिल और कोर्ट में हर पेशी के लिए 22 लाख रुपये का बिल भेजा है। 

    दिसंबर 2016 में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कानून विभाग के पास पत्र भेजा था। उसके जवाब में कानून मंत्रालय ने एलजी की अनुमति के लिए फाईल भेज दी थी।