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600 मशीनों के साथ फॉगिंग के लिए सड़क पर उतरी केजरीवाल सरकार

राजधानी में चिकनगुनिया व डेंगू का कहर अब तक कम नहीं हुआ है। आरएमएल अस्पताल में डेंगू से 32 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 09:09 PM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किया गया विशेष फॉगिंग अभियान आज से तेज हो गया है। आज से इस अभियान में 600 मशीनें फॉगिंग के लिए फील्ड में उतरीं। अभियान लगातार 40 दिनों तक चलाने की तैयारी है। जिस पर 10 करोड़ तक की राशि खर्च करने का प्रस्ताव है।

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हालांकि मौसम के मिजाज को देखते हुए सरकार मान रही है कि यदि हल्की सी भी बारिश हो गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। क्योंकि डेंगू के लिहाज से यह समय बहुत ही खतरनाक माना जा रहा है। ऐसे में मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए फॉगिंग ही अधिक प्रभावशाली होगी। फॉगिंग अभियान को चलाने के लिए फिलहाल 3 प्राइवेट एजेंसियों को हायर किया गया है।

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भाजपा शासित तीनों निगमों के फॉगिंग में फेल होने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में बृहस्पतिवार से पीडब्ल्यूडी की ओर से 200 से अधिक फॉगिंग मशीनों को सड़कों, गलियों व कॉलोनियों में उतारा गया। आज से 600 फॉगिंग मशीनें काम करने लगी हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इसमें 50 बड़ी मशीनें होंगी जिन्हें वाहनों में रखकर फॉगिंग की जाएगी। इसके अलावा करीब 450 छोटी फॉगिंग मशीनें होंगी जिनके जरिये गलियों व संकरी जगहों पर फॉगिंग की जाएगी। राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में फॉगिंग की ऐसी प्राइवेट एजेंसी नहीं है जो एक साथ इतने बड़े पैमाने पर फॉगिंग मशीनें उपलब्ध करा सके। 12 से अधिक प्राइवेट एजेंसियों को हायर किया गया है।

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बड़ी फॉगिंग मशीन में रोजाना खर्च होगा 200 लीटर डीजल

मच्छरों के प्रकोप को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने फिलहाल रोजाना 8 घंटे फॉगिंग अभियान चलाने की तैयारी की है। जिससे प्रत्येक बड़ी फॉगिंग मशीन में रोजाना 200 लीटर डीजल खर्च होगा। वहीं एक छोटी मशीन में रोजाना करीब 25 लीटर डीजल खर्च होगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डीजल और मच्छर नाशक रसायन को मिलाकर फॉगिंग की जाती है। इसमें 98.5 प्रतिशत डीजल और 1.5 फीसद मच्छर नाशक रसायन होते हैं। मच्छर नाशक रसायन के रूप में डेल्टा मेथ्रीन का इस्तेमाल किया जा रहा है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से स्वीकृत है।

डेंगू-चिकनगुनिया का कहर जारी

राजधानी में चिकनगुनिया व डेंगू का कहर अब तक कम नहीं हुआ है। आरएमएल अस्पताल में डेंगू से 32 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। वह पूर्वी दिल्ली के सुभाष विहार इलाके का रहने वाला था। डेंगू से अब तक अस्पतालों में 20 लोगों की मौत का मामला सामने आ चुका है।

वहीं नगर निगम ने डेंगू से अब तक मात्र चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। अस्पताल के अनुसार, मो. मुर्सलीन को 18 सितंबर को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां 19 सितंबर को उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने उसकी डेंगू से मौत होने की पुष्टि की है।


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