शराब के नशे में पिता बन जाता था 'हैवान', पड़ोसी भी बंद कर लेते थे जुबान
चाइल्ड हेल्पलाइन की पदाधिकारी जब बच्चों को मेडिकल के लिए डॉक्टरों के पास लेकर गईं तो बच्चों की पीठ, हाथ व पैरों में चोट के निशान देखकर वह भी दंग रह गए।
फरीदाबाद [जेएनएन]। बच्चे पिता की छत्रछाया में सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन अगर पिता ही हैवान बन जाए तो कोई क्या कर सकता है। गांव कौरानी में शराबी पिता अपने सात और नौ साल के बेटों पर जुल्म करता था। मारपीट कर मां को पहले ही घर से बाहर निकाल चुका पिता बच्चों को डंडो और थप्पड़ों से पीटता था।
22 अप्रैल की रात उसने बच्चों को बिजली की केबल से पीटा था। पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति से बच्चों पर हो रहा जुल्म बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन करके इसकी सूचना दी। चाइल्ड हेल्पलाइन ने पुलिस की सहायता से बच्चों को पिता के चंगुल से मुक्त करा लिया है। साथ ही पिता के खिलाफ बाल संरक्षण अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।
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शराब के नशे में करता था मारपीट
शिकायत मिलने पर बच्चों को छुड़ाने के लिए पहुंची महिला चाइल्ड हेल्पलाइन की पदाधिकारी सुमन ने बताया कि गांव कौराली निवासी शशि गुरुग्राम में चालक की नौकरी करता है। वह शराब पीने का आदी है। छह साल पहले शशि की मारपीट से परेशान होकर उसकी पत्नी अपने मायके चली गई थी। लेकिन दोनों बेटे शशि के पास ही रहते हैं। शशि शराब पीए बिना सामान्य रहता था। वह सुबह दोनों बेटों के लिए अपने हाथों से खाना बनाकर निकलता था। साथ ही शाम को ड्यूटी से वापस आकर फिर उन्हें बनाकर खिलाता था। मगर शराब पीते ही वह हैवान बन जाता था।
छोटी-छोटी बातों पर बच्चों को डंडो व थप्पड़ों से पीटता था। शनिवार और रविवार को उसकी छुट्टी होती थी। उस दिन वह जरूर उनको पीटता था। कई बार तो वह रात को सोते हुए बच्चों को पीटना शुरू कर देता था। 21 अप्रैल की रात उसने बच्चों को बिजली के केबल से पीटा था।
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चाइल्ड हेल्पलाइन की पदाधिकारी जब बच्चों को मेडिकल के लिए डॉक्टरों के पास लेकर गईं तो बच्चों की पीठ, हाथ व पैरों में चोट के निशान देखकर वह भी दंग रह गए। करीब एक महीने पहले भी चाइल्ड हेल्पलाइन को बच्चों के बारे में शिकायत मिली थी लेकिन तब शशि घर पर नहीं मिला था। ऐसे में टीम वापस आ गई थी। अब जब टीम मौके पर गई तो उन्हें घर में डंडे रखे हुए मिले।
पड़ोसी भी बंद कर लेते थे जुबान
चाइल्ड हेल्पलाइन की पदाधिकारी सुमन ने बताया कि पड़ोसियों को शशि के अत्याचार के बारे में पता था लेकिन वह भी जुबान बंद कर लेते थे। बच्चों के दादा-दादी नहीं हैं लेकिन ताऊ और ताई पास में ही रहते हैं। ताऊ और ताई भी उन्हें छुड़ाने नहीं जाते थे। जब हेल्पलाइन के पदाधिकारियों ने इस बारे में उनसे बातचीत की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
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