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    गुरुग्राम गैंगरेपः पीड़िता की जुबानी जानें 29 मई की रात हुई हैवानियत की कहानी

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 09 Jun 2017 10:30 AM (IST)

    गुरुग्राम के मानेसर में हुई बच्ची की हत्या और उसकी मां के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ...और पढ़ें

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    गुरुग्राम गैंगरेपः पीड़िता की जुबानी जानें 29 मई की रात हुई हैवानियत की कहानी

    गुरुग्राम (सत्येंद्र सिंह)। नौ माह की मासूम बेटी को खोने के साथ-साथ इज्जत तार-तार होने का जख्म सह रही दुष्कर्म पीड़िता भयावह रात (29 मई) के मंजर को भुला नहीं पाई है। बुधवार को हैवानियत दिखाने वाला ऑटो चालक पकड़ा गया तो पुलिस ने उसे पीड़िता के सामने ला खड़ा किया, ताकि पहचान हो जाए। उसे जैसे ही पीड़िता ने देखा पुलिस अधिकारी की ओर मुंह कर चीख पड़ी- 'साहब यही है हैवान यह इंसान नहीं है। इसे फांसी जरूर करा देना।'

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    दैनिक जागरण के साथ बातचीत में पीड़िता ने कहा वह तो बेटी की जान बचाने के लिए सब कुछ सहती रही। बदमाश इतने शातिर थे कि वह बच्ची का गला दबा पहले मार चुके थे, लेकिन यही कहते रहे कि बच्ची को मार देंगे।

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    वह बच्ची को लेकर खांडसा स्थित एक क्लीनिक में लेकर गई तो उसे डॉक्टर ने कहा कि बच्ची मर चुकी है। पर उसे लग रहा था कि बच्ची की सांस अभी चल रही है।

    उम्मीद के चलते ही वह पति के साथ मेट्रो से दिल्ली गई, मेट्रो में उसने बच्ची को चुन्नी में ऐसे लपेट रखा था कि किसी को शक नहीं हो।

    वहां क्लीनिक में दिखाने पर डॉक्टरों ने जब मृत बता दिया तो वह 30 मई की दोपहर वापस मेट्रो से खांडसा सास के पास आई।

    पीड़िता ने बताया कि उसे डर था कि एक तो बच्ची नहीं रही दूसरे उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पति कहीं उसे छोड़ न दे। उसने 1 जून को पूरी बात तब बताई जब बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया। महिला पुलिसकर्मी भी समझ गई थी कि मामला सामूहिक दुष्कर्म का है सामने आते ही हड़कंप मचेगा।

    लिहाजा उसने दो जून को राष्ट्रपति के कार्यक्रम का हवाला दिया और कहा सारे अधिकारी व्यस्त हैं अभी कुछ नहीं होगा। पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने कहा राष्ट्रपति के कार्यक्रम से कोई मतलब नहीं था।

    महिला एसआइ की लापरवाही से सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच डेढ़ दिन लेट शुरू हुई इसके लिए उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने के साथ विभागीय जांच भी की जा रही है।

    29 मई की रात हुई वारदात की एफआइआर आइएमटी थाना पुलिस ने तीस मई को दर्ज की थी, मगर सामूहिक दुष्कर्म की धारा पांच जून की रात बढ़ाई गई। वहीं, पीड़िता एक जून को ही पुलिस को बता चुकी थी कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है।

    पुलिस गिरफ्त में 'दरिंदा'

    गत 29 मई को बच्ची का गला दबा मौत के घाट उतार मां से सामूहिक दुष्कर्म मामले के मुख्य अभियुक्त ऑटो चालक को पुलिस ने बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। अभियुक्त यूपी के बुलंदशहर जिले के गांव रूंशी का रहने वाला है। इसी गांव का रहने वाला दूसरा आरोपी अमित भी पकड़ में आ गया है।

    तीसरे को पकड़ने के लिए पुलिस बुलंदशहर गई है। ऑटो चालक को पीड़ित के सामने लाया गया तो उसने पहचान लिया। अभियुक्त ने कबूला कि उसने और दो अन्य दोस्तों ने बीयर पी रखी थी। नशे की हालत में ही तीनों ने घटना को अंजाम दिया था।

    उधर इस मामले में लापरवाही बरतने पर आइएमटी थाने में तैनात महिला एसआइ सुमन को निलंबित किया गया है। पुलिस अभियुक्त तक खेड़की दौला टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व मोबाइल लोकेशन की मदद से मंगलवार देर रात ही पहुंच गई थी।

    फुटेज में ऑटो चालक योगेश अपने साथी जयकेश व अमित के साथ ऑटो में साफ नजर आए थे। तीनों आगे बैठे थे और पीछे पीड़ित को बैठा रखा था। पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने बताया कि योगेश बासकुशला गांव में ही किराये पर रहता था। उसी के साथ जयकेश व अमित भी रहते थे।

    तीनों किराये पर ऑटो लेकर चला रहे थे। घटना वाले दिन ही योगेश गांव से लौटकर आया था। उसके आने पर तीनों ने शाम को बीयर पी थी। तीनों ऑटो से घूमने जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें पीड़ित मिल गई और लिफ्ट देने के बहाने उसे बैठा लिया था।

    क्या है मामला

    बासकुशला में किराए पर रहने वाली 20 वर्षीय महिला और उसके पति का 29 मई की दोपहर पड़ोसी से झगड़ा हो गया था। जिसके बाद पति और पत्नी के बीच मनमुटाव हो गया था। पति नाइट ड्यूटी पर चला गया तो महिला गुरुग्राम के खांडसा में रह रहे सास-ससुर के पास आने के लिए घर से नौ माह की बेटी को लेकर चल पड़ी थी।

    आइएमटी चौक के पास ही एक कैंटर चालक ने उसे लिफ्ट दे दी। सौ मीटर आगे जाते ही चालक ने महिला से छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। जिससे महिला कैंटर से बेटी को लेकर कूद गई थी। तभी ऑटो आ गया।

    योगेश व उसके दोस्तों ने उसे बैठा लिया और ऑटो को वापस मोड़ कर आइएमटी सेक्टर सात स्थित एक कंपनी के पीछे ले गए। नशे में धुत बदमाशों ने महिला से जबरन उसकी बच्ची को छीन लिया था और उसका गला दबा मार दिया।

    एक बदमाश बच्ची को यह कहकर ले लेता था कि अगर शोर मचाया तो उसे मार देंगे। जबकि बच्ची को पहले ही मरणासन्न कर चुके थे। करीब तीन घंटे तक तीनों महिला के साथ दुष्कर्म किया और उसे वहीं पर छोड़ भाग गए थे।

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