दिल्ली के नया बाजार में ब्लास्ट के बाद सदर बाजार में खौफ
बम ब्लास्ट में कई जानों के गंवाने का दर्द सीने में लिए सदर बाजार आतंकी हमले के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील बाजारों में से एक है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नया बाजार में हुए ब्लास्ट ने सदर बाजार के दुकानदारों को हिला कर रख दिया है। व्यापारी खौफ में हैं। खौफ ऐसा कि बाजार में प्रवेश के साथ ही दुकानदारों को यह डर सता रहा है कि रात में वह अपने घर सही सलामत पहुंच भी पाएंगे या नहीं। दरअसल, यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न सुरक्षाकर्मी तैनात दिखते हैं और न ही सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं।
बम ब्लास्ट में कई जानों के गंवाने का दर्द सीने में लिए सदर बाजार आतंकी हमले के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील बाजारों में से एक है। त्योहारों पर तो संवेदनशीलता और बढ़ जाती है। दीपावली की तैयारियों की खरीदारी के दौरान ही यहां मौजूद लोगों की संख्या एक लाख से ऊपर पहुंच जा रही है। इस भीड़ को संभालने के साथ ही किसी हादसे की स्थिति में बचाव अभियान को लेकर कोई इंतजाम नहीं दिखाई देता है।
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सुरक्षा कर्मी दिखाई नहीं देते हैं। हालत यह कि सदर बाजार की सड़कों और फुटपाथों पर मनमाने तरीके से हजारों रेहड़ी पटरी वालों ने कब्जा कर रखा है, जिसके कारण वाहन क्या, पैदल चलना तक दूभर है। ऊपर से बाजार में आने-जाने वालों के साथ ही सामान की जांच का कोई इंतजाम नहीं है।
पुलिसकर्मियों द्वारा बाजार को भगवान भरोसे छोड़ देने से जेब कटने, सामान चोरी होने और छेड़छाड़ की घटनाएं आम बात हो गई हैं। ऐसे में स्थिति यह है कि आतंकी वारदात की बात दीगर, नया बाजार में पटाखा विस्फोट की छोटी घटना भी यहां बड़े हादसे का कारण बन सकती है। गौरतलब है कि पुरानी दिल्ली के नया बाजार मे मंगलवार को एक धमाका हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
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काम नही कर रहे है सीसीटीवी कैमरे
दीपावली को लेकर सदर बाजार में जबरदस्त गहमागहमी है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों से लेकर एनसीआर के शहरों से भी लोग खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। यह बाजार पटाखे, बिजली की लड़ियों, दीये, घर को सजाने के सामान से लेकर गिफ्ट आइटमों के मामले में लोकप्रिय है। फिर भी भीड़ के मद्देनजर बाजार में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बाजार में आने-जाने वालों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस और दुकानदारों द्वार कुछ सीसीटीवी कैमरे लगाए तो गए हैं, लेकिन उनमे से अधिकांश काम नहीं कर रहे हैं। इसी तरह सामानों की जांच का कोई इंतजाम नहीं है। जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
दहल चुका है सदर बाजार
वर्ष 1997 में सदर बाजार में हुए दो आतंकी धमाकों में 30 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया है। दुकानदारों के मुताबिक पुलिस व नगर निगम की मदद से बाजार की सड़कों पर हजारो रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा है, जो दीपावली पर बाजार की स्थिति और खतरनाक बना रहे हैं। हालत यह कि खुद दुकानदार भी बाजार में आने से डरते है।
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