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Delhi Shraddha Murder: 'मुझे फैसले लेने का पूरा अधिकार' यह कहकर आफताब के लिए श्रद्धा ने माता-पिता को छोड़ा था

Delhi Shraddha Murder Case News हत्यारोपित आफताब को पुलिस ने पूछताछ में कई बार झूठ बोला था। वो कहता था कि झगड़ा होने के चलते उसने गर्लफ्रेंड को छोड़ दिया है। श्रद्धा ने आफताब के लिए अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया था।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunPublished: Mon, 14 Nov 2022 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 14 Nov 2022 06:49 PM (IST)
Delhi Shraddha Murder: 'मुझे फैसले लेने का पूरा अधिकार' यह कहकर आफताब के लिए श्रद्धा ने माता-पिता को छोड़ा था
आफताब को दिल्ली के महरौली पुलिस स्टेशन से ले जाती पुलिस।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुंबई से स्नातक करने के बाद श्रद्धा वाकर(28) जब मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय काल सेंटर में नौकरी करती थी, उसी दौरान डेटिंग एप हम्बल के जरिए आफताब अमीन पूनावाला से उसका परिचय हुआ था। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के करीब आते चले गए और उन्होंने साथ रहने का फैसला लिया। 2019 में श्रद्धा एक दिन अचानक आफताब को लेकर अपने घर आ गई थी और उसने मां से कहा था कि वह उसके साथ कहीं लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है। बेटी की यह बात सुनकर उसकी मां चौक गई थी।

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उन्होंने समझाते हुए श्रद्धा से कहा था कि यहां अंतर धार्मिक विवाह नहीं हो सकता है। इसपर छूटते ही श्रद्धा ने कहा था कि मैं 25 साल की हो गई हूं। मुझे अपने फैसले लेने का पूरा अधिकार है। मुझे आफताब के साथ ही रिलेशनशिप में रहना है। मैं आज से आपकी बेटी नहीं हूं।

आरोपित आफताब और खरीदा गया रेफ्रिजरेटर

माता-पिता ने बेटी को रोकने के लिए की थी पूरी कोशिश

मां-बेटी के बीच इस तरह की बात होने के बाद श्रद्धा जब अपना सामान लेकर घर से जाने लगी, तब भी माता-पिता ने उसे समझाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन वह नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई थी। बाद में श्रद्धा के दोस्तों से पिता विकास मदान वाकर को पता चला कि दोनों नया गांव और फिर वसाई महाराष्ट्र में रहे। साथ रहने के दौरान कुछ माह बाद ही दोनों में झगड़ा होना शुरू हो गया। आफताब जब श्रद्धा के साथ मारपीट करता था, तब वह अपनी मां को यह बात बताती थी।

'मां को श्रद्धा बताती थी पीटने की बात'

एफआइआर में विकास मदान वाकर ने कहा है कि पत्नी की मृत्यु के बाद श्रद्धा से उनकी दो बार फोन पर बात हुई थी, तब उन्हें भी उसने बताया था कि उसको आफताब मारता पीटता है। यह बात उसने घर आकर एक माह बाद भी बताई थी। जिसपर उन्होंने आफताब को छोड़कर वापस घर जाने की बात कही थी, जिसपर वह घर आ गई थी लेकिन आफताब की मां के कहने पर वह दोबारा उसके पास चली गई थी।

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बेटी के दोस्तों से पिता को पता चली ये बात

काफी समय बाद विकास मदान को श्रद्धा की दोस्त शिवानी महात्रे और लक्ष्मण नादर ने बताया था कि श्रद्धा व आफताब के बीच बेहतर संबंध नहीं है। आफताब, श्रद्धा के साथ मारपीट करता है। बात नहीं मानने पर विकास ने बेटी से बात करनी बंद कर दी थी। 14 सितंबर को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने उसके भाई श्रीजय को फोन कर बताया कि उसकी बहन का फोन दो महीने से बंद आ रहा है। इसपर विकास मदान ने 15 सितंबर को बेटे से लक्ष्मण का नंबर लेकर उससे बात की।

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हर बार आफताब पुलिस से कहता था ये बात

लक्ष्मण ने उन्हें बताया कि दो-ढाई महीने से श्रद्धा से उसकी बात नहीं हुई है। क्योंकि उसका फोन नहीं लग रहा है। इसपर उन्होंने मानिकपुर महाराष्ट्र में श्रद्धा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पहले तो मानिकपुर पुलिस ने आफताब को मुंबई बुलाकर कई बार पूछताछ की। हर बात आफताब ने यही बताया कि झगड़ा होने पर उसने श्रद्धा को छोड़ दिया।

उसके बाद मानिकपुर पुलिस विकास को बताया कि उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट को जांच के लिए दिल्ली भेज दिया है। क्योंकि श्रद्धा, आफताब के साथ छतरपुर में रहती थी। इसके बाद विकास ने दिल्ली आकर महरौली पुलिस से मिलकर शिकायत की थी।


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