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    UP में शीला के CM का चेहरा बनने की राह में अाया 'वाटर टैंकर घोटाला'

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2016 02:33 PM (IST)

    दिल्ली में शीला दीक्षित मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान हुए कथित पानी टैंकर घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) करेगी।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश की राजनीति में दमदार कदम रखने के साथ मुख्यमंत्री के रूप में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर लाने के कयास के बीच AAP और BJP ने मुश्किल खड़ी कर दी है। दिल्ली में शीला दीक्षित मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान हुए कथित पानी टैंकर घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) करेगी। उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस पर स्वीकृति दे दी है। ऐसे में यूपी में विपक्ष के साथ सत्तापक्ष भी इस मामले को उछाल सकता है।

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    400 करोड़ के टैंकर घोटाले में घिरीं शीला दीक्षित, AAP ने की CBI जांच की सिफारिश

    गौरतलब है कि 400 करोड़ रुपये के वाटर टैंकर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ AAP और BJP दोनों ही हमलावर हैं। ऐसे में शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में ब्राह्मण चेहरा तलाश रही कांग्रेस को झटका भी लग सकता है।

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    एसीबी करेगी शीला दीक्षित के खिलाफ जांच

    सूत्रों के अनुसार एसीबी पानी टैंकर घोटाले में पूर्व की कांग्रेस तथा मौजूदा सरकार की भूमिका की जांच करेगी। दिल्ली सरकार ने सोमवार को शीला दीक्षित समेत अन्य पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री व उपराज्यपाल के माध्यम से सीबीआइ और एसीबी से एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी।

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    जलमंत्री कपिल मिश्र ने इससे संबंधित एक रिपोर्ट तथा पत्र उपराज्यपाल को भेजकर शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। बुधवार को विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में आम आदमी पार्टी सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए उपराज्यपाल से जांच कराने का निवेदन किया था।

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    टैंकर घोटाला है क्या?

    आरोप है कि 2012-13 में दिल्ली जल बोर्ड ने 3 कंपनियों को 385 टैंकर किराए पर देने का ठेका दिया। जो पहले से तीन गुना कीमत पर था। शीला के इस फैसले से दिल्ली जल बोर्ड को 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उस वक्त शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष भी थीं।

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