सामने आया सच, केजरीवाल भ्रम फैलाते हैं और गुमराह करते हैं!
उपराज्यपाल कार्यालय (राजनिवास) ने दल्ली सरकार की फाइलोंं को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान का पूरी तरह खंडन किया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। नजफगढ़ इलाके मेंं रविवार को विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह मेंं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा लिए गए हाल के आदेशोंं पर जो बातेंं कहींं, उसे उपराज्यपाल कार्यालय ने भ्रामक और लोगोंं को गुमराह करने वाला बताया है। सोमवार को उपराज्यपाल कार्यालय (राजनिवास) ने दल्ली सरकार की फाइलोंं को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान का पूरी तरह खंडन किया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 'उपराज्यपाल ने बिजली की दरोंं से जुड़ी एक फाइल अपने पास मंगाई हुई है। पूरी आशंका है कि अब वे बिजली की कीमत बढ़ाएंगे।' राजभवन ने कहा कि बिजली-पानी के अलावा सरकार द्वारा लिए गए अन्य फैसलोंं को लेकर जिस तरह भ्रामक बातोंं का मुख्यमंत्री के हवाले से जिक्र किया गया है। यह बयान सरासर गलत और भ्रम पैदा करने वाला है।
जानें किसने कहा, 'मोदी जी ने नाक में दम कर रखा है'
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार के फैसलोंं से संबंधित कोई विशिष्ट फाइल नहींं मंगवाई गई है। दिल्ली सरकार से वही फाइलेंं मांगी गई हैंं, जिनके बारे मेंं गत चार अगस्त को हाई कोर्ट ने अपने फैसले मेंं जिक्र किया था, जिसमे संवैधानिक त्रुटियां हो सकती हैं।
उपराज्यपाल कार्यालय ने इस मामले पर हाई कोर्ट के आदेश का फिर हवाला दिया है। दिल्ली सरकार द्वारा उर्जा विभाग की फाइल संंख्या (58) / 2010 विभाग / 1856 दिनाक 2015/12/06 के अंंतर्गत की गई कार्रवाई, जिसके अनुसार दिल्ली विद्युत नियामक आयोग को उपभोक्ताओंं को प्रदान की जाने वाली बिजली मेंं व्यवधान एवंं उसके एवज मेंं मुआवजा प्रदान किए जाने के नीति निर्देश दिए गए थे, इसे अदालत ने अवैध और असंंवैधानिक करार दिया है, क्योंंकि इस तरह के नीति निर्देश जारी करने से पहले सरकार ने उपराज्यपाल से सहमति नहींं ली थी। सोमवार को उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति मेंं कहा गया है कि पिछले दिनोंं दिल्ली सरकार से जो फाइलेंं भेजी गई हैंं उस पर उपराज्यपाल की तरफ से कोई ताजा फैसला नहींं लिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।