जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: पहली बार छात्रा को बनाया गया मुख्य निर्वाचन आयुक्त
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव के लिए स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की छात्रा इशिता मन्ना चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) चुनी गई हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव के लिए स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की छात्रा इशिता मन्ना चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) चुनी गई हैं। छात्रसंघ चुनाव के इतिहास मेंं यह पहला मौका है जब जेएनयू मेंं सीईसी के पद पर किसी छात्रा की नियुक्ति हुई है।
नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से औपचारिक अधिसूचना आना बाकी है, बावजूद इसके अपनी पहली प्रतिक्रिया मेंं इशिता ने साफ कर दिया है कि छात्रसंघ चुनाव पूरी तरह से सर्वोच्च न्यायालय की ओर से लागू लिंगदोह समिति की सिफारिशो और जेएनयू छात्रसंघ संविधान के उन्ही नियमोंं के तहत होंंगे जिनके अंतर्गत वर्ष 2012 से होते आ रहे हैं।
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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के पूर्व सीईसी रहे दिलीप मौर्या ने बताया कि यह पहला मौका है जब इस पद पर किसी छात्रा को अवसर मिला है और उन्हेंं पूरा यकीन है कि इशिता इस अहम जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगी। दिलीप ने बताया कि जहां तक अनुभव की बात है तो इशिता इससे पहले भी चुनाव समिति के सदस्य के तौर काम कर चुकी हैं और उन्हे अच्छी तरह से पता है कि कैंपस मेंं कैसे चुनाव आयोजित होते हैंं।
जिम्मेदार उठाने को तैयार इशिता
इशिता से जब इस जिम्मेदारी के विषय मेंं पूछा गया तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी कि वो इसके लिए तैयार हैंं और अन्य साथियोंं के सहयोग से नियमोंं के अनुरूप निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंंने कहा कि चूंकि उनके चुनाव को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अधिकारिक अधिसूचना होना बाकी है, इसलिए ज्यादा कुछ कहने की स्थिति मेंं नहींं हैं। उन्होंंने कहा कि मैंं बस इतना कहना चाहती हूं कि चुनाव पूरी तरह से उसी रूप मेंं होगे जैसे कि वर्ष 2012 मेंं सर्वोच्च न्यायालय व जेएनयू छात्रसंघ संविधान मेंं वर्णित नियमोंं के अनुरूप होते आ रहे हैं।
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