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कैसे शुरू हुआ JNU में फसाद का सलिसिला - जरूर पढ़ें, पूरी रिपोर्ट

आखिर JNU के फसाद की जड़ क्‍या और कहां है। यह जिज्ञासा आपके मन में भी होगी। कैसे इस बवाल की शुरुआत होती है। कब और कैसे जेएनयू प्रशासन इस पूरे मामले में सजग और सतर्क होता है। इसकी पूरी जानकारी देती आशुतोष झा की यह रिपोर्ट।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 04 Mar 2016 02:52 PM (IST)Updated: Fri, 04 Mar 2016 04:28 PM (IST)
कैसे शुरू हुआ JNU में फसाद का सलिसिला - जरूर पढ़ें, पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली । आखिर JNU के फसाद की जड़ क्या और कहां है। यह जिज्ञासा आपके मन में भी होगी। कैसे इस बवाल की शुरुआत होती है। कब और कैसे जेएनयू प्रशासन इस पूरे मामले में सजग और सतर्क होता है। इसकी पूरी जानकारी देती आशुतोष झा की यह रिपोर्ट।

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- जेएनयू में गत 9 फरवरी को उमर खालिद ने कविता पाठ जिसका शीर्षक 'द कंट्री विदआउट ए पोस्ट ऑफिस' बताया था, इसके नाम पर साबरमती ढाबा के समीप जगह बुक कराया था।

- कार्यक्रम से एक दिन पहले आठ फरवरी को इस बाबत आवेदन भरकर जेएनयू के एडिशनल डीन को दिया था। इसमें शाम पांच से साढ़े सात बजे समय का जिक्र था।

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- गत नौ फरवरी को जिस दिन शाम को कार्यक्रम हुआ उक्त दिन अपराह्न तीन बजे जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा ने स्टूडेंट वेलफेयर डीन को यह बताया था कि कुछ छात्र राष्ट्रविरोधी नारा लिखे हुए कुछ पोस्टर साबरमती ढाबा के आसपास लगाए हैं। पोस्टर में अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का विरोध करती हुई बातें भी लिखी गई हैं।

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- घटना से कुछ घंटे पहले जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव सौरभ से प्राप्त सूचना के बाद जेएनयू के वाइस चांसलर ने तुरंत रजिस्ट्रार, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर, डीन आदि को मीटिंग के लिए बुलाया।

- 9 फरवरी की शाम 4.45 बजे एक मैसेज के जरिए चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव को बताया गया कि छात्र ने गलत जानकारी देकर कार्यक्रम के लिए जगह बुक कराया है। इसलिए बुकिंग को रद कर दिया जाए। इस बारे में परिसर के सुरक्षाकर्मियों को भी जानकारी दे दी गई।

- सुरक्षा गार्ड अमरजीत सिंह ने उक्त जानकारी बुकिंग कराने वाले छात्र उमर खालिद को शाम पांच बजे दे दी। लेकिन उमर ने कहा कि उसने कार्यक्रम के लिए छात्रों को सूचित कर दिया है, सब आते ही होंगे, इसी क्रम में 10-15 लड़के वहां जमा हो गए और नारा लगाने लगे।

- 'कश्मीर की जनता संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। कश्मीर की महिलाएं संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। अफजल की हत्या नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेंगे। कितने मकबूल मारोग, हर घर से मकबूल निकलेंगे। एबीवीपी का एक ही बोल, हल्ला बोल..हल्ला बोल। यूनिवर्सिटी प्रशासन खबरदार। जोर लगाकर हल्ला बोल। हम क्या चाहते आजादी। हम लड़कर लेंगे आजादी।'

- इसके बाद शाम 5.20 बजे जी न्यूज का संवाददाता वहां पहुंचा और दो घंटे तक वहां मौजूद रहा। जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले जिला मजिस्टे्रट संजय कुमार ने कहा कि घटना से संबंधित मूल वीडियो जोकि जी न्यूज के पास था, उनसे जांच के लिए मांगा तो चैनल ने देने से साफ इंकार कर दिया।

- एबीवीपी के छात्रों ने इस नारेबाजी का विरोध किया तब शाम 7.25 बजे पुलिस को कार्यक्रम बंद करने के लिए बुलाया गया। जेएनयू प्रशासन ने जिन तीन प्रोफेसरों की कमेटी से मामले की जांच करने को कहा था, उनसे भी संपर्क किया गया।
जेएनयू घटना की जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले नई दिल्ली जिला से मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने यह जानकारी अपने रिपोर्ट में भी दी है।


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