राजकाज से 10 दिनों तक दूर रहेंगे केजरीवाल, कौन संभालेंंगा CM की कुर्सी
आखिर दिल्ली के मुख्यमंत्री दस दिनों तक कहां जा रहे हैं। इसका दिल्ली की राजनीति पर क्या असर होगा। यह सब जानने के लिए खबर पढ़ें ।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दस दिनों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अवकाश पर रहेंगे। वह विपासना के लिए नागपुर जा रहे हैं। यानी दस दिनोंं तक वह न तो टीवी में दिखेंगे और न ही अखबार के सुर्खियों में रहेंगे न ही केंद्र सरकार पर प्रहार करते दिखेंगे।
उनकी गैर मौजूदगी में दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष्ा सिसोदिया उनका पूरा कामकाज देखेंगे। केंद्र सरकार में भारी तनातनी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अवकाश पर जा रहे हैं। ऐसे में जाहिर है कि इसका असर दिल्ली के सियासत पर पड़ेगा।
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बता दें कि आध्यात्म की इस प्राचीन पद्धति के लिए केजरीवाल 30 जुलाई को नागपुर के आध्यात्म केंद्र में दाखिला लेंगे, जहां वह किसी तरह के अखबार, टीवी या मीडिया के संपर्क में नहीं रहेंगे।
केंद्र के साथ खींचातानी
गौरतलब है कि 2014 में लोकसभा चुनाव अभियान के वक्त भी अरविंद केजरीवाल ने इस सत्र में भाग लिया था। इसके एक साल बाद आप ने फरवरी 2015 में भारी वोटों से दिल्ली चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद लगातार दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच खींचतान का खेल जारी है।
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आप सरकार ने केंद्र पर बार-बार काम नहीं करने देने का आरोप लगाया है। साथ ही अपने 11 विधायकों की गिरफ्तारी को भी साज़िश करार दिया है। एक वीडियो संदेश में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि 'वह इतने बौखलाए हुए हैं कि मेरी हत्या तक करवा सकते हैं।'
केजरीवाल की विपासना में काफी रुचि है। अनुमान लगाया जा रहा है कि राजनीति से रिटायर होने के बाद og अपना जीवन विपासना को समर्पित करना चाहते हैं। पिछले साल उन्होंने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मुफ्त विपासना कोर्स के लिए भेजने की योजना बनाई थी, जिसकी काफी आलोचना की गई थी। शिक्षकों ने कहा था कि सरकार को बिजली, पानी और बेहतर कक्षाएं बनाने पर ज़ोर देना चाहिए।
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