BSSC SCAM: परमेश्वर राम के मोबाइल ने उगले राज, फंसेंगे कई सफेदपोश
बीएसएससी पेपरलीक मामले में एसआइटी ने पूर्व सचिव के मोबाइल का डाटा रिकवर कर लिया है, जिससे अब कई राज समाने आ जाएंगे, जिसमें कई सफेदपोश लोगो के फंसने की संभावना है।
पटना [जेएनएन]। बीएसएससी के पूर्व सचिव और मुख्य आरोपियों में से एक परमेश्वर राम के जब्त मोबाइल ने कई राज उगले हैं। इस राज के खुलने के बाद कई सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतर जाएगा। रिमांड पर आए पूर्व सचिव परमेश्वर राम के मोबाइल से एसआइटी को बिहार के कई मंत्री-विधायक, पूर्व सांसद और एक बड़े आइएएस अधिकारी के नंबर मिले हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक इस बार जिस आइएएस अधिकारी का नाम सामने आया है उनकी चर्चा पहले नहीं हुई थी। दरअसल, इसका खुलासा परमेश्वर राम के जब्त मोबाइल के डाटा को रिकवर करने पर हुआ है। एसआइटी ने सॉफ्टवेयर की मदद से यह डाटा रिकवर किया है, जिससे पता चला है कि सियासी गलियारे से भी अनेकों बार परमेश्वर राम के पास पैरवी की गयी थी।
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परमेश्वर ने कई मैसेज भी कर दिये थे डिलीट
जांच के दौरान पता चला है कि पूर्व सचिव परमेश्वर राम जान-बूझकर छोटा और पुराना मोबाइल रखते थे। पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद पूर्व सचिव के साथियों ने उन्हें मोबाइल के मैसेज डिलीट करने की सलाह दी थी।परमेश्वर राम ने कई मैसेज डिलीट भी कर दिए थे लेकिन सॉफ्टवेयर से उसे रिकवर कर लिया गया है।
पूर्व सांसद व जमीन कारोबारी ने भी की थी पैरवी
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर बिहार से एक पूर्व सांसद का भी नाम प्रकाश में है, जिन्होंने अपने करीबियों के लिए परमेश्वर राम से कई बार पैरवी की और अलग-अलग अभ्यर्थियों के नाम भेजे हैं। जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा पैरवी जेल में बंद जमीन कारोबारी आनंद शर्मा की ओर से किये जाने की बात सामने आयी है। आनंद शर्मा द्वारा करीब 35 अभ्यर्थियों की पैरवी मोबाइल से की गयी है। परमेश्वर राम को भी इसने जमीन दिलाई थी।
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सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों के नंबर मिले
मोबाइल में सौ से अधिक अभ्यर्थियों के नंबर मिले हैं। एसआइटी सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ भी हो गयी है। इस दौरान उन्होंने अपने पैरवीकारों के नाम का खुलासा किया है। वहीं एक आइएएस अधिकारी ने अपने बड़े भाई की पत्नी के अलावा एक अन्य अभ्यर्थी की पैरवी एएनएम की परीक्षा के लिए की है।
बताया जाता है कि परमेश्वर के मोबाइल में इतनी पैरवी आई है कि इसे देखकर एसआइटी भी हैरान है। फिलहाल एसआइटी अब इस बात की जानकारी लेने में जुटा है कि जिन लोगों की पैरवी विधायक-मंत्री व आइएएस ने की है उनका चयन हुआ या नहीं।
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