डीआइजी का फोन न उठाने पर निलंबित हुए थाना प्रभारी, जानिए पूरा मामला
डीआईजी राजेश कुमार ने खाजेकला थाना क्षेत्र से सैकड़ों ट्रक बालू पड़ा। थाने में कई बार कॉल करने के बावजूद फोन नहीं उठाने पर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया।
पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना में डीआइजी का फोन न उठाना थाना प्रभारी को काफी महंगा पड़ा। उन्हें निलंबित कर दिया गया। उन पर अवैध रूप से बालू खनन में संलिप्तता का भी आरोप लगा है। साथ ही इस संबंध में सिटी एसपी और एएसपी को भी तलब किया गया है।
बालू माफिया से शिकंजा कसता जा रहा है। इनका साम्राज्य सिर्फ बिहटा और मनेर तक ही नहीं है, बल्कि राजधानी के शहरी इलाकों से सटे गंगा घाट तक है। बुधवार को नाव से गश्ती के लिए निकले डीआइजी राजेश कुमार ने अपनी आंखों से अवैध बालू खनन देखा। डीआइजी एनआइटी से दीदारगंज तक गंगा के घाटों का दौरा किया।
डीआइजी के निर्देश पर पुलिस ने नदी में बालू लदे 14 बड़ी नाव को जब्त कर लिया। डीआइजी उस ठिकाने तक पहुंचे, जहां गायघाट में करीब दो सौ ट्रक बालू डंप थी और आधा दर्जन बालू लदे ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी थीं। मौके से सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच डीआइजी ने संबंधित थाना खांजेकला के प्रभारी राकेश भास्कर को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने एएसपी पटना सिटी हरि मोहन शुक्ला को तलब किया और पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा।
चार घंटे तक तक नदी में घूमते रहे डीआइजी
डीआइजी ने पिछले महीने 'माई गंगा' प्रोजेक्ट के तहत गंगा से सटे सभी थाना प्रभारियों और डीएसपी को अवैध बालू खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। बुधवार को वह कोतवाली डीएसपी, पीरबहोर थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों के साथ चार नाव पर सवार हो एनआइटी घाट से निरीक्षण के लिए निकले।
निरीक्षण के शुरुआत ही उन्हें आलमगंज इलाके के गायघाट के आसपास नाव दिखी। नाव में बालू लोड थी। पुलिस ने नदी में चार नाव को जब्त कर लिया। पूछताछ में पता चला कि बालू माफिया गायघाट में आदर्श घाट पर बालू डंप करते हैं।
डीआइजी जैसे ही गायघाट पहुंचे नजारा देख दंग रह गए। घाट किनारे बालू लदी दस बड़ी नाव खड़ी थीं। पुलिस ने यहां से सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। घाट पर करीब दो सौ ट्रक बालू डंप थी। आधा दर्जन से अधिक ट्राली पर बालू लोड हो रही थी। पुलिस को देख बालू कारोबारी फरार हो गए। डीआइजी ने पकड़े गए लोगों से पूछताछ की पता चला कि यह खेल पिछले एक साल से चल रहा है। वह दीदारगंज तक करीब तीस किलोमीटर गंगा में घूमते रहे।
एएसपी से पूछा, कैसे हो रहा था खनन
डंप बालू और अवैध खनन से नाराज डीआइजी ने संबंधित खांजेकला थाने में फोन किया। थाना प्रभारी की लापरवाही और बालू माफिया पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया। फिर पटना सिटी एएसपी को फोन किया और पूछा, बालू खनन पुलिस की नाक नीचे हो रहा है, आप क्या कर रहे हैं? पूछा कि आखिर किसकी सह पर बालू खनन हो रहा था? नदी में गश्ती क्यों नहीं हो रही थी?
थाना पुलिस की भूमिका से लेकर थाना प्रभारी की विभागीय जांच कराई जाए। एएसपी को तलब करते हुए क्षेत्र में अवैध खनन मामले में स्पष्टीकरण मांगा। डीआइजी ने एएसपी से दो टूक कहा कि खनन में जिसका भी नाम सामने आए उसे साक्ष्य जुटाकर गिरफ्तार किया जाए। स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर अगर थाना पुलिस की लापरवाही या उनकी भूमिका मिली तो थाने के एक-एक सिपाही पर कार्रवाई की जाए।
एक नाव पर लोड होती है चार ट्रक बालू
गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ में बताया कि एक नाव की कीमत करीब 10-12 लाख रूपए है। बालू लोड करने के लिए अलग से नाव तैयार कराई जाती है। एक नाव की क्षमता चार ट्रक बालू लोड करने की है। पुलिस नाव के मालिक की तलाश में जुटी है। सूत्रों की मानें तो इस बात की खबर आलमगंज और खांजेकला थाना पुलिस को पहले से थी। सूत्र बताते है कि पुलिस की मिलीभगत से बालू खनन हो रहा था।
दीघा से दीदारगंज तक है माफिया का राज
मनेर और बिहटा के बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। खांजेकला और आलमगंज थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन मामले में अभी तक पुलिस के सामने कई और बालू माफिया का आ चुका है। इसमें कुछ कुख्यात है तो कुछ सफेदपोश के करीबी बताए जा रहे है। पुलिस की मानें तो दीघा से लेकर दीदारगंज तक कारोबार पसरा हुआ है। पुलिस बालू माफिया की तलाश में जुटी है।
नगर निगम और फैक्ट्री को नोटिस
डीआइजी की निरीक्षण के दौरान एनआइटी घाट से दीदारगंज के बीच कई जगह नदी किनारे कंट्रक्शन काम होते मिला। पिलर गंगा में मिला। इस मामले में डीआइजी ने नगर निगम को नोटिस दिया है। जांच में कई जगह यह भी देखने को मिला कि फैक्ट्री का गंगा पानी सीधे गंगा में गिराया जा रहा है। डीआइजी ने संबंधित दो फैक्ट्री को नोटिस दिया है।
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अवैध ढंग से बालू खनन किसी हाल में भी नहीं होने दिया जाएगा। गंगा में अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिए जाने के बावजूद खांजेकला थाना प्रभारी की नाक नीचे खनन हो रहा था। उन्हें सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। एएसपी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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