लालू ने ट्वीट कर पीएम पर बोला हमला, कहा - गरीबों के पेट की आंतें निकाल ली...
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नोट बंदी कर गरीबों के पेट की सारी आंतें बाहर निकाल ली हैं। लालू ने ट्वीट कर पीएम पर हमला किया है।
पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर एक बार फिर से पीएम मोदी पर हमला बोला है। नोटबंदी को लेकर लालू ने पहले भी पीएम पर वार किया था। फिर मंगलवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि इन्होंने अपने पूंजीपति मित्रों को बख्श दिया है। और गरीबों के पेट की सारी आंतें ही निकाल दी है।
इससे पहले लालू यादव ने एक दिन पहले ट्विटर पर लिखा था कि नोटबंदी के नाम पर नौटंकी बंद करो। किसान मर रहा है, रबी की बुआई कैसे करेगा। बीज व खाद किससे खरीदेगा। अब उन्होंने लिखा है कि आम आदमी के कतारों में खड़े रहने के नज़ारे लेना बंद करो। काले धन वाले तो इर्द-गिर्द हैं। उन मित्रों पर कार्रवाई तो दूर, नाम भी नहीं ले सकते।
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आम आदमी के कतारों में खड़े रहने के नज़ारे लेना बंद करो। काले धन वाले तो इर्द-गिर्द है। उन मित्रों पर कार्रवाई तो दूर, नाम भी नही ले सकते।
वहीं, उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि 125 करोड़ देशवासियों का स्वघोषित ठेकेदार व सेवक बनना अलग है और उनके दुःख-दर्द को समझना अलग। सफेद धन वालों को सजा किस नाम की दे रहे हो?
लालू ने पीएम पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने पूंजीपति मित्रों को बख्श दिया। इलाज़ करना था सरदर्द का। इन्होंने गरीबों के पेट की सारी आंतें ही निकाल दी। इसलिए कहते हैं नीम हकीम खतरे जान।
पूंजीपति मित्रो को बख्श दिया। इलाज़ करना था सरदर्द का। इन्होंने गरीबों के पेट की सारी आंतें ही निकाल दी। इसलिए कहते हैं नीम हकीम खतरे जान।
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वहीं, मंगलवार को सुबह में भी लालू ने पीएम पर ट्विटर के जरिए वार किया था। जिसमें लिखा था कि जो सरेआम कहता हो कि मेरी रगों में व्यापारी का खून दौड़ता है वो किसानों की व्यथा क्या समझेगा?
जो सरेआम कहता हो कि मेरी रगों में व्यापारी का खून दौड़ता है वो किसानों की व्यथा क्या समझेगा? pic.twitter.com/YYLvP4ZNnt
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2016
आम आदमी के कतारों में खड़े रहने के नज़ारे लेना बंद करो। काले धन वाले तो इर्द-गिर्द है। उन मित्रों पर कार्रवाई तो दूर, नाम भी नही ले सकते।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2016
125 करोड़ देशवासियों का स्वघोषित ठेकेदार व सेवक बनना अलग है और उनके दुःख-दर्द को समझना अलग। सफेद धन वालों को सजा किस नाम की दे रहे हो?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2016
पूंजीपति मित्रो को बख्श दिया। इलाज़ करना था सरदर्द का। इन्होंने गरीबों के पेट की सारी आंतें ही निकाल दी। इसलिए कहते हैं नीम हकीम खतरे जान
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2016
मोदीजी आप 50 दिनों की "सीमित असुविधा" की बात कर रहे हैं, तो क्या समझा जाए कि आपके वादानुसार 50 दिनों बाद सबके खातों में 15-15 लाख आ जाएँगे?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 13, 2016