Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शराबबंदी कानून पर भड़के RJD नेता रघुवंश, कहा- जदयू MLA भी नीतीश के साथ नहीं

    By Pramod PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 11 Aug 2016 10:58 PM (IST)

    राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने शराबबंदी पर यह कहकर हलचल मचा दी है कि व्हिप के कारण ही कानून पारित हो सका। वरना जदयू के कई विधायक भी नीतीश के साथ नहीं हैं।

    पटना [राज्य ब्यूरो ]। बिहार में शराबबंदी के मुद्दे पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को अपनी ही पार्टी के विधायकों का भी साथ नहीं मिला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रघुवंश ने सवाल उठाया कि अगर जदयू के विधायकों का समर्थन मिलता तो शराबबंदी के नए कानून को विधानमंडल से पारित कराने के लिए नीतीश कुमार को व्हिप जारी नहीं करना पड़ता। व्हिप के कारण ही शराबबंदी का नया विधेयक राज्य विधानमंडल से पास हो पाया।

    राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने सूबे में पहले शराब की बिक्री बढ़वाई। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूर्व की राजग की सरकार के दौरान दलील दी गई थी कि शराब की बिक्री बढऩे से राज्य की आमदनी में वृद्धि होगी। अब इसे रोका जा रहा है। बिहार में शराबबंदी का शुरू से ही विरोध कर रहे रघुवंश ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी पर नीतीश की सफाई में दम नहीं है।

    पढ़ेंः बिहार में शराबबंदी के बाद शराबियों ने ढूंढ़ लिए हैं नशे के और भी तरीके..., जानिए

    नए कानून की समीक्षा की मांग करते हुए रघुवंश ने कहा कि कानून लागू होने के बाद नालंदा जिले के एक गांव के लोगों पर सामूहिक जुर्माना लगा दिया गया। राजद नेता ने कहा कि जनहित में इसे उचित नहीं कहा जा सकता है। एक व्यक्ति के अपराधों की सजा पूरे गांव को नहीं दी जा सकती है। जाहिर है शराब पर प्रतिबंध के लिए राज्य सरकार ने जो कानून बनाया है वह ठीक नहीं।

    पढ़ेंः CM नीतीश के गृहजिले में शराबबंदी का उल्लंघन, पचास परिवारों पर जुर्माना

    थानेदारों पर कार्रवाई को भी रघुवंश ने अनुचित बताया और कहा कि महागठबंधन की सरकार ने राग द्वेष के बिना सरकार चलाने के लिए न्याय के नाम पर शपथ ली थी। थानेदारों पर कार्रवाई को न्यायपूर्ण नहीं कहा जा सकता है। शराबबंदी के मुद्दे पर इससे पहले भी रघुवंश राज्य सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं।