Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय बजट पेश, पूरी नहीं हुईं बिहार को विशेष पैकेज या दर्जा देने की उम्मीद

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Wed, 01 Feb 2017 10:43 PM (IST)

    वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज बजट पेश किया। इसे लेकर बिहार में निराशा की स्थिति है। बजट से राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हो सकी।

    केंद्रीय बजट पेश, पूरी नहीं हुईं बिहार को विशेष पैकेज या दर्जा देने की उम्मीद

    पटना [जेएनएन]। आज वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय आम बजट पेश किया। बिहार के लोगों को आम बजट से कुछ विशेष हासिल हुआ हो, ऐसा नहीं लगता। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज को लेकर भी बजट मिलने की उम्मीद जताई गई थी, जो पूरी नहीं हो सकी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बजट किसी भी सरकार की आर्थिक नीतियों का आइना होता है। नोटबंदी के बाद पेश होने वाले इस बजट से बिहार के लोगों को उम्मीद थी। खासकर इसलिए कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी समानांतर उठती रही है।

    यह भी पढ़ें: बजट को लेकर केंद्र पर हमलावर नीतीश, कहा- बिहार को कुछ नहीं मिला

    राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी मानते हैं कि बिहार के विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रेटिंग लगातर कम हो रही है। डॉलर की तुलना में रुपये के मूल्य में भी गिरावट आ ही है। इसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई है, जिसका असर रोजगार और राज्यों के कर उगाही पर गंभीर रूप से पड़ा है।

    सिद्दीकी कहते हैं कि बिहार के तेजी से विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा आवश्यक है। बजट से इसकी उम्मीद थी।

    यह भी पढ़ें: लालू ने PM को बताया 'भारत का ट्रंप', कहा- समाप्त हो रेल मंत्री का पद

    पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि जब तक राज्यों का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी का मानना है कि बिहार के विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने की जरूरत थी।

    बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान भी कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। इससे बिहार में नए उद्योग स्थापित हो सकेंगे। नए उद्यमियों को बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष छूट मिलने का प्रावधान भी होना चाहिए था। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल के अनुसार भी बजट आशा के अनुरूप नहीं है।