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    बड़ा खुलासा: कोविंद को समर्थन से पहले बिहार को मिला बिहार भवन

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 29 Jun 2017 11:30 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर लगाई थी, उसके पहले केंद्र सरकार ने बिहार भवन बिहा ...और पढ़ें

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    बड़ा खुलासा: कोविंद को समर्थन से पहले बिहार को मिला बिहार भवन

    पटना [जेएनएन]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक हफ्ते पहले एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन की घोषणा की थी और उससे पहले केंद्र सरकार ने नीतीश को बड़ा तोहफा देते हुए नई दिल्ली स्थित  बिहार भवन बिहार सरकार को सौंप दिया है। इसके बाद बिहार-झारखंड के बीच बिहार निवास को लेकर चल रहा विवाद अब खत्म हो गया है। 

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    केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार और झारखंड के इस विवाद को सुलझाते हुए फैसला बिहार सरकार के पक्ष में दिया है, जिसमें अब बिहार सरकार बिहार भवन के लिए झारखंड सरकार को मुआवजा देगी और बिहार भवन पर बिहार का कब्जा होगा जो नीतीश सरकार की बड़ी जीत मानी जा रही है।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की पहल के बाद यह विवाद सुलझा लिया गया है और फैसला अब बिहार के पक्ष में आया है

    इस बात की पुष्टि करते हुए, बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देने के क्रम में बताया कि "हमने झारखण्ड द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। दोनों राज्यों की संपत्तियां अब अलग-अलग हैं, और हम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित विभाजन के नियमों के आधार पर झारखंड को मुआवजे का भुगतान करने के लिए सहमत हैं। "

    साल  2000 में बने अधिनियम के तहत बिहार और झारखंड का विभाजन किया गया था और जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच संपत्ति का भी बंटवारा किया गया था। विभाजन के अधिनियम के लागू होने के बाद बिहार की एक तिहाई संपत्ति झारखंड को हस्तांतरित करने की अनुमति दी गई थी।

    झारखंड ने नई दिल्ली स्थित 32 कमरों वाला बिहार भवन और 64 कमरों वाला बिहार निवास में एक तिहाई हिस्सेदारी की मांग की थी। वहीं, बिहार सरकार का कहना था कि  झारखंड के पास दिल्ली में दो पते हैं, जिसमें वसंत कुंज में झारखंड भवन और कनॉट प्लेस के पास भी एक खाली जगह है जो झारखंड सरकार के हिस्से है।

    झारखंड सरकार ने उसके बाद दिल्ली में राज्य को आवंटित संपत्ति और बिहार निवास पर अपना दावा दायर किया था, जिसमें पिछली यूपीए सरकार ने बिहार सरकार को बिहार निवास झारखंड को देने का निर्देश दिया था।

    बिहार सरकार ने वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय से इस मुद्दे को हल करने के लिए दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों से बात करने को कहा था।

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    इसका हल निकालते हुए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय ने दोनो पक्षों से बात कर इसका समाधान निकाल लिया है और अब बिहार भवन पर बिहार सरकार का आधिपत्य होगा और इसके एवज में राज्य सरकार झारखंड सरकार को मुआवजा राशि देगी। 

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