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    सावधान! बिहार में TOBACCO BOMB पर बैठी दो तिहाई आबादी

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Wed, 31 May 2017 11:12 PM (IST)

    देश में तंबाकू के सेवन से हर मिनट दो लोगों की मौत हो रही है। खतरनाक बात यह है कि पूर्वोत्‍तर भारत को छोड़ दें तो देश में सर्वाधिक तंबाकू सेवन बिहार में होता है।

    सावधान! बिहार में TOBACCO BOMB पर बैठी दो तिहाई आबादी

    पटना [अमित आलोक]। तंबाकू का प्रयोग पहली बार घोड़े के पेट में कीड़ों को मारने के लिए किया गया था। तब किसी ने सोचा भी नहीं था एक दिन यह मनुष्य के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा। आंकड़ों की बात करें तो भारत में हर एक मिनट में दो लोग तंबाकू सेवन से मर रहे हैं। कैंसर जागरूकता फैलाने में जुटे ओंको सर्जन डॉ. वीपी सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़ दें तो देश में बिहार में सर्वाधिक तम्बाकू का इस्तेमाल होता है। कह सकते हैं कि बिहार खतरनाक तंबाकू बम पर बैठा है। डॉक्‍टर इसे पोटेशियम सायनाइड से भी घातक जहर मानते हैं।

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    भयावह हैं आंकड़े

    एनएफएचएस- 4 के सर्वे के अनुसार बिहार में तंबाकू सेवन के आंकड़े भयावह हैं। यहां दो तिहाई पुरुष तथा आठ फीसद महिलाएं तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन करती हैं। इनमें भी पांच फीसद गर्भवती तथा 10.8 फीसद बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं शामिल हैं।

    बिहार के हाईस्कूलों में पढऩे वाले 61.4 फीसद छात्र तथा 51.2 फीसद छात्राएं और 70 फीसद से अधिक शिक्षक किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। प्रदेश में 62 प्रतिशत पुरुष व 40 प्रतिशत महिलाएं चबाने वाले तम्बाकू का सेवन करते हैं।

    तम्बाकू बंद, फिर भी दुष्प्रभाव बाकी

    एम्स (पटना) की रेडिएशन विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीतांजलि सिंह के अनुसार प्रदेश में कुछ हद तक तम्बाकू के शौकीनों की संख्या घटी है। बावजूद इसके तम्बाकू से होने वाले कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ी ही है। इनमें से अधिसंख्य लोगों ने कहा कि वे लंबे समय से तम्बाकू का इस्तेमाल छोड़ चुके हैं।
    इसका कारण यह है कि एक बार तम्बाकू की गिरफ्त में आए शरीर को पूरी तरह से शुद्ध होने में करीब 15 वर्ष लगते हैं। इस बीच कभी भी तम्बाकूजनित कोई रोग शिकंजा कस सकता है।

    सायनाइड से भी खतरनाक तंबाकू

    चिकित्सकों की मानें तो तम्बाकू सबसे खतरनाक पोटेशियम सायनाइड जहर से भी घातक है, क्योंकि इससे मरने वाले अधिकांश लोग उत्पादन क्षमता वाले अर्थात 25 से 65 वर्ष के होते हैं। साथ ही साइनाइड जिसके शरीर में जाता है, उसी की जान जाती है। लेकिन, तम्बाकू धुएं के रूप में तो आसपास रहने वालों को भी खतरनाक रोगों को तोहफा देती है।

    तम्बाकू के घातक रसायन
    - निकोटिन : कीड़े मारने में इस्तेमाल की जाने वाली दवा
    - अमोनिया : फर्श की सफाई में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ
    - आर्सेनिक : चींटी मारने वाला जहरीला पदार्थ
    - कार्बन मोनो ऑक्साइड : कार से निकलने वाली खतरनाक गैस
    - हाइड्रोजन साइनाइड : गैस चैंबर में इस्तेमाल की जाने वाली जहरीली गैस
    - नेप्थलीन : इससे मोथबॉल्स बनाए जाते हैं।
    - तारकोल : सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ
    - रेडियोएक्टिव पदार्थ : परमाणु हथियार में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ

    शरीर के हर अंग पर दुष्प्रभाव
    मस्तिष्क पर :
    - ब्रेन हैमरेज (लकवा) का जोखिम अधिक, जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करती है उन्हें लकवा का खतरा ज्यादा होता है।

    मुंह-होंठ संबंधी रोग :
    मुंह व स्वर ग्रंथि में कैंसर के साथ स्वरयंत्र में सूजन से आवाज भारी हो जाती है।

    रक्त संचार प्रणाली संबंधी रोग :
    - हृदय संबंधी रोग जैसे हृदयाघात आदि के अलावा उच्च रक्ताचाप, हृदय की धमनियों की बीमारी के कारण पैरों में खून का ठीक से प्रवाहित नहीं होना से कई बार पैर काटने तक का जोखिम।

    पेट व आंत पर :
    पेट के भीतर की परत नाजुक हो जाती है। इससे रक्तस्राव की आशंका बढ़ जाती है। आंत के घाव (अल्सर) देर से ठीक होते हैं। कैंसर भी हो सकता है।
    - अग्नाशय, गुर्दे और मूत्राशय का कैंसर होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

    युवकों-युवतियों को बना रही बांझ :
    पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या व उनकी सक्रियता कम हो जाती है। वहीं महिलाओं में अंडे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, मासिक अनियमित और हार्मोन स्तर असंतुलित हो जाता है। महिलाओं में रजोनिवृत्ति जल्द हो जाती है और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही तम्बाकू सेवन से स्त्री व पुरुष दोनों की ही यौनेच्छा कम हो जाती है।

    श्वास प्रणाली :

    ब्रांकाइटिस, क्रानिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीजी (सीओपीडी) व फेफड़े का कैंसर होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

    गर्भस्थ शिशु के लिए भी खतरा :
    - यदि कोई महिला तम्बाकू उत्पादों का सेवन करती है तो शिशु का वजन औसत से कम होने के साथ अचानक मौत होने की आशंका ज्यादा होती है। तम्बाकू सेवन से अक्सर समय पूर्व प्रसूति का जोखिम रहता है। गर्भपात के साथ मृत शिशु के जन्म लेने की आशंका कई गुना ज्यादा होती है। शिशु का शारीरिक व मानसिक विकास बाधित होता है और मां के दूध से शिशु के शरीर में निकोटिन पहुंचने की आशंका होती है।

    हड्डियां व इम्यून सिस्टम होते कमजोर :
    तम्बाकू इस्तेमाल से जहां हड्डियां कमजोर होने से आस्टियोपोरेसिस रोग हो जाता है वहीं रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक शक्ति कम होने से बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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    तम्बाकू छोडऩे में उपयोगी टिप्स
    - आसपास से तम्बाकू की सभी चीजें हटा दें।
    - एक दिन तय कर उस दिन बिल्कुल तम्बाकू सेवन न करें।
    - तम्बाकू छोडऩे के बाद शरीर के जहरीले व रासायनिक पदार्थों से मुक्त होने के अच्छे प्रभाव पर गौर करें।
    - तलब लगे तो उसे थोड़ी देर के लिए भुला दें। धीरे-धीरे घूंट लेकर पानी पिएं, गहरी सांस लें व ध्यान हटाने के लिए दूसरा कार्य करें।
    - सामान्य दिनचर्या बदलें, सुबह टहलने जाएं।
    - ऐसी जगह न जाएं जहां तलब तेज हो।
    - तम्बाकू की तलब घटाने को सौंप, मिश्री, लौंग या दालचीनी का प्रयोग करें।
    - ऐसे दोस्तों के साथ रहें जो तम्बाकू सेवन से दूर रहने को प्रेरित करें।
    - तम्बाकू सेवन न करने से होने वाली बचत को ध्यान कर अपने फैसले को मजबूत बनाएं।
    - यदि तम्बाकू छोड़ देंगे तो लोग आपके नक्शे-कदम पर चलेंगे।

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