FLASHBACK 2016 : शराबबंदी से 'प्रोडिकल गर्ल' तक ने बटोरीं सुर्खियां, चर्चा में रहे शहाबुद्दीन
वर्ष 2016 बिहार में कई नकारात्मक घटनाओं का साक्षी बना। राजनीति की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी के अपने चुनावी वादे को पूरा करने में सफल रहे। आइए देखें।
पटना [अमित]। वर्ष 2016 अपने अंतिम चरण में है। इसमें बिहार की कई घटनाएं सुर्खियां बनीं।बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) का रिजल्ट घोटाला हो या राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक राजबल्लभ यादव का दुष्कर्म मामले में फंसना, बिहार कई बड़ी आपराधिक वारदाताें का साक्षी बना।
राजनीतिक घटनाक्रम की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार में सभी को साथ लेकर चलने में सफल रहे। हालांकि, नोटबंदी आदि मुद्दों को लेकर साल के उत्तरार्ध में कुछ तनातनी का भी माहौल बनता दिखा। नीतीश कुमार ने न केवल शराबबंदी के अपने चुनावी वादे को पूरा किया, बल्कि इसे राष्ट्रीय एजेंडा बनाकर अपने फलक का विस्तार करते भी दिखे।
फर्जी टॉपर रूबी राय ने एक आंसरशीट में लिखे थे 101 फिल्मों के नाम
बिहार बोर्ड का रिजल्ट महाघोटाला
वर्ष 2015 में बिहार बोर्ड पर परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नकल का दाग लगा था, जिसे धोने की कवायद में सरकार ने 2016 में कई कदम उठाए। बोर्ड परीक्षाओं के कदाचाररहित संचालन का दावा किया गया। रिजल्ट भी आ गए। लेकिन, एक महा घोटाले का उद्भेदन अभी बाकी था।
मीडिया में आए एक इंटरव्यू के बाद बिहार बोर्ड में लंबे समय से चल रहे रिजल्ट घोटाला अचानक सामने आ गया। एक टीवी चैनल ने इंटर टॉपर्स का इंटरव्यू लिया। इसमें इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय ने बताया कि उसने 'प्राेडिकल साइंस' (पॉलिटिकल साइंस) विषय के साथ परीक्षा दी थी, जिसमें खाना बनाने की जानकारी दी जाती है। इसी तरह साइंस टॉपर सौरव भी मीडिया इंटरव्यू के दौरान विषय की मूलभूत बातें तक नहीं बता सका।
इस मामले ने तूल पकड़ा और सरकार ने जांच बैठा दी। रूबी तो इस महाघेाटाले की एक मामूली कड़ी निकली। जांच के साथ एक-एक कर परतें उतरती गईं और इसकी जद में बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह तथा उनकी पत्नी व पूर्व विधायक डॉ. उषा सिन्हा की संलिप्तता भी उजागर हुई। घोटाले के मास्टरमाइंड वैशाली के विशुन राय कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय सहित कई अन्य भी गिरफ्तार किए गए।
बोर्ड के री टेस्ट में टॉपर रूबी राय सहित कई अन्य टॉपर्स फेल कर गए। इस घोटाले की जांच के क्रम में बिहार बोर्ड में चल रहे कई अन्य घोटाले भी सामने आए। फिलहाल, सभी की जांच चल रही है।
राजबल्लभ दुष्कर्म कांड
राजनेताओं के सेक्स कांड तो कई रहे, लेकिन नवादा के राजद विधायक राजबल्लभ यादव राष्ट्रीय सुर्खियों में शुमार रहे। विधायक पर नालंदा की एक नाबालिग लड़की से दुष्कम का अारोप लगा। राजबल्लभ को पार्टी ने निलंबित कर दिया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
घटनाक्रम की जांच के दौरान एक बड़े सेक्स रैकेट का भी उद्भेदन हुआ। पता चला कि राजबल्लभ की सुलेखा नाम की सेक्स रैकेट संचालिका से मिलीभगत रही है। उसके माध्यम से वह कई अन्य लड़कियों का यौन शोषण कर चुका है।
RJD MLA के बड़े बोल, कहा- सिवान में राजद नहीं शहाबुद्दीन ही पार्टी
मुश्किल में पड़े शहाबुद्दीन
सिवान के चर्चित तेजाब डबल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने सुर्खियां बटोरीं। उनपर सिवान जेल में दरबार लगाने, जेल में राज्य सरकार के मंत्री से मुलाकात, फिर सिवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड में संलिप्तता के आरोप लगे।
इस बीच हाईकोर्ट से बेल पाकर वे भागलपुर बाहर क्या निकले, बवाल खड़ा हो गया। उनकी बेल के खिलाफ तेजाब मर्डर केस के पीडि़त परिवार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के वरीय वकील प्रशांत भूषण खड़े हो गए। इसके बाद राज्य सरकार ने भी बेल का विरोध करने का फैसला लिया। तेजी से बदलते घटनाक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन के बेल को रद कर दिया। इसके बाद उन्हें फिर जेल जाना पड़ा।
फिलहाल वे सिवान जेल में हैं। यह मामला ठंडा नहीं पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट अभी शहाबुद्दीन के सिवान जेल से तिहाड़ जेल ट्रांसफर को लेकर सुनवाई कर रहा है।
एमएलसी के बेटे ने रोड रेज में कर दी हत्या
गया में जदयू की विधान पार्षद (एमएलसी) मनोरमा देवी व पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बिंदी यादव के बिगड़ैल बेटे रॉकी यादव ने 19 साल के एक छात्र अदित्य सचदेवा की हत्या कर दी। गाड़ी ओवरटेकिेंग के मामूली विवाद में रॉकी को इतना गुस्सा आया कि और उसने आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी। आदित्य गया के एक बड़े व्यवसायी का बेटा था।
राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खी बनी इस घटना के बाद मनोरमा देवी को जदयू ने निलंबित कर दिया। इसके बाद विभिन्न मामलों में रॉकी सहित पूरे परिवार को सलाखों के पीछे जाना पड़ा। कालांतर में पटना हाइकोर्ट ने रॉकी को बेल दे दी, जिसके खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे फिर जेल भेज दिया।
बिहार में लागू हुई पूर्ण शराबबंदी
बिहार के संदर्भ में राष्ट्रीय महत्व की सबसे बड़ी घटना पूर्ण शराबबंदी की रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए पांच अप्रैल को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी।
शराबबंदी के कानून में संशोधन की भी बात उठी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसपर चर्चा होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हाे सका। बहरहाल, शराबबंदी को मिले समर्थन के कारण उन्होंने इसे अपना नेशनल एजेंडा बनाकर देश में शराबंदी की मांग उठाई है।
नोटबंदी के पेंच में फंसता दिखा महागठबंधन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को समर्थन देना भी बड़ी खबर बनी। खासकर इसलिए, क्योंकि बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के सहयोगी राजद व कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ हैं। नोटबंदी के मुद्दे पर महागठबंधन के सहयोगी घटक दलों से जदयू का स्टैंड अलग दिख रहा है।
नोटबंदी के खिलाफ देशव्यापी बंद को राजद व कांग्रेस का समर्थन मिला, लेकिन जदयू इससे अलग रहा। बीते 30 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ अपने अभियान के क्रम में पटना में धरना देने पहुंचीं। ममता के धरना को राजद व कांग्रेस का समर्थन मिला, जबकि जदयू इससे फिर अलग रहा। धरना को संबोधित करते हुए ममता ने नीतीश को जमकर घेरा।
नोटबंदी का मुद्दा अभी और गहराता दिख रहा है। राजद सुप्रीमो ने इसकी तुलना नसबंदी से कर कांग्रेस को भी निशाने पर ले लिया है। आगे राजद ने नोटबंदी के खिलाफ 28 दिसंबर को आंदोलन का एलान किया है।
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