Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 लाख हुए खर्च, फिर भी गलत समय बताती है घड़ी

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 07 Apr 2017 08:18 PM (IST)

    बिहार के बक्सर में 10 लाख रूपये खर्च कर घंटाघर का जीर्णोद्धार किया गया। इसके बावजूद घड़ी सही समय नहीं बताती है।

    10 लाख हुए खर्च, फिर भी गलत समय बताती है घड़ी

    बक्सर [जेएनएन]। 10 लाख रूपये खर्च किये गये ताकि लोगों का समय का पता चले। वे इसकी कीमत समझें और सारे काम समय पर करें। पर अफसोस, घड़ी का समय ही सही नहीं चला। एक सप्‍ताह बाद ही घड़ी का समय खराब हो गया और उसके बाद इसने कभी सही समय नहीं बताया। यदि इस घड़ी के समय के अनुसार लोग काम करें तो उनका समय खराब हो जायेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हम बात कर रहे हैं बिहार के बक्सर शहर की पहचान बताने वाला वीर कुंवर सिंह चौराहा पर स्थित घंटाघर की।इस पर लगी घड़ी के समय से चलें तो लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह विशाल घड़ी हमेशा एक ही समय बताती है। तीन साल पहले दस लाख रुपये की लागत से घंटाघर का जीर्णोद्धार हुआ, लेकिन घड़ी आज भी खराब है। जबकि, दस लाख से हुए कार्य में घड़ी को भी बदल कर नया लगाने का दवा किया गया था।

    गौरतलब हो कि तकरीबन डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी संदीप पौंड्रिक द्वारा शहर के मुख्य चौराहा आदर्श थाना के समीप आलीशान घंटाघर बनाने की योजना ठेका विवाद में अधर में फंस गयी थी। मामला न्यायालय के अधीन होने के कारण उनके कार्यकाल में पूरा नहीं हो सका।

    बाद में अड़चनों पर से पर्दा उठे कई साल बीत गये। उसके बाद भी काफी दिन बीतने के बाद दो साल पहले इसके जीर्णोद्धर पर काम शुरू हुआ। जिला योजना से इसके लिए दस लाख रुपये आवंटित हुए। इस पैसे से घंटा घर की दीवारों पर ग्रेनाइट पत्थर लगाये जाने की योजना थी। वहीं, सबसे ऊपर छतरी बनाकर एक विशाल घड़ी लगाने की योजना थी। जो सही समय बताने के साथ ही उससे हर घंटे समय के अनुसार घंटा की आवाज भी सुनाई पड़ती।

    यह भी पढ़ें: नवादा में बोले गिरिराज- मेरी हत्या करवा सकते है नीतीश

    स्थानीय मुकेश कुमार बताते हैं कि घड़ी तो लगने के दो-चार दिन बाद ही खराब हो गई। इसके बाद यह लोगों को सही समय नहीं बता रही है, घंटा बजना तो दूर की बात है।

    स्थानीय परवेज आलम कहते हैं कि घंटाघर के बारे में जानकारी होने के बावजूद न तो प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी फिक्र है और न ही जन प्रतिनिधि इस पर संज्ञान ले रहे हैं। 

    यह भी पढ़ें: लालू पर सुशील मोदी ने लगाया घाेटाला का आरोप, तेजस्‍वी बोले- पछताएंगे