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    गंगा से निकल रहा है 'सोना', कब्जे को लेकर धरती हो रही खून से लाल

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 07 Apr 2017 08:05 PM (IST)

    गंगा नदी से निकल रहे 'साेने' पर कब्जा जमाने को लेकर आये दिन धरती खून से लाल हो रही है। कल-कल करती जल की आवाज की जगह बंदूकें गरज रही है।

    गंगा से निकल रहा है 'सोना', कब्जे को लेकर धरती हो रही खून से लाल

    बक्सर [जेएनएन]। गंगा बालू के व्यवसाय में कमाई इतनी ज्यादा है कि इसे क्षेत्र में गंगा का सोना भी कहा जाता है। इस सोने पर 'कब्जा' जमाने के लिए बंदूकें गरजने लगी है। धरती खून से लाल होने लगी है। कल-कल करती नदी की जल की आवाज की जगह गोलियों की तड़तड़ाहट की अवाज सुनाई देती है।

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    नदी के गर्भ से निकली हजारों एकड़ जमीन नैनीजोर वासियों के लिए विवाद का पहले से कारण रहा है। अब अब गंगा के ही गर्भ से निकले हजारों एकड़ में फैला सफेद बालू भी आपसी वर्चस्व का कारण बनने लगा है।

    पिछले दिनों नैनीजोर में दिनदहाड़े श्रीप्रकाश तिवारी उर्फ टोला तिवारी की हत्या का कारण भी यही सफेद बालू बना। गांव के नीतीश तिवारी सहित अन्य ने बालू कारोबार से जुड़े टोला तिवारी को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया।

    पुलिस के मुताबिक घटना की वजह बालू कारोबार था। कारोबार में बर्चस्व को लेकर दोनों गुट पहले भी टकरा चुके थे। बालू का कारोबार टोला तिवारी गुट के पास था। जबकि, नीतीश गुट उसमें हस्तक्षेप कर रहा था। यह गुट टोला को हटा कर खुद कारोबार पर कब्जा जमाना चाहता था।

    हालांकि, घटना की पूरी सच्चाई हत्यारोपी नीतीश की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आ पाएगी। कल तक उसका दोस्त रहे टोला तिवारी की हत्या की क्या कोई दूसरा पहलू भी है? हत्या के बाद से पूरे गांव में मातम और तनाव का माहौल कायम है। लोग घटना के बाद से वर्चस्व की जंग शुरू होने की आशंका से सहमे हुए हैं।

    क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सड़क परियोजनाओं को लेकर गंगा बालू की मांग काफी बढ़ी है। ऐसे में दियारा का यह क्षेत्र कारोबार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो गया है। मांग की आड़ में बालू का अवैध खनन भी शुरू हो गया है। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण खनन विभाग के अधिकारी दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इधर कम ही रुख करते हैं। टोला तिवारी की हत्या के बाद बालू के इस कारोबार पर प्रशासन की भी नजर पड़ी है।

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    हालांकि, मृतक के परिजन दोषियों को कानून के तहत कठोर सजा दिलाने की बात कह रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मामले को शांत करने में पुलिस की भूमिका अहम होगी। पुलिस जितनी जल्दी हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने में सफल होगी। इसकी आग उतना ही जल्दी ठंडी होगी।

    घटना के चार दिनों बाद भी पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं ढूंढ़ पाई है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट से फरार आरोपियों की कुर्की का वारंट मिल गया है। इस पर कार्रवाई हो रही है।

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