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    फर्जी डिग्री मामले में पूर्व मंत्री तोमर पर कसा शिकंजा, 17 के खिलाफ चार्जशीट

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Thu, 16 Mar 2017 08:31 PM (IST)

    दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह ताेमर की लॉ की फर्जी डिग्री मामले में परेशानी बढ़ गई है। पुलिस ने 17 अन्य लोगों के खिलाफ भी चार्जसीट दायर की गई है।

    फर्जी डिग्री मामले में पूर्व मंत्री तोमर पर कसा शिकंजा, 17 के खिलाफ चार्जशीट

    भागलपुर [जेएनएन]। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की लॉ की फर्जी डिग्री मामले में हौजखास थाने की पुलिस ने 17 पूर्व और वर्तमान शिक्षकों और कर्मियों के विरुद्ध बुधवार को 50 हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट साकेत कोर्ट दक्षिण जिला दिल्ली कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अलावा विश्वनाथ सिंह विधि महाविद्यालय के पदाधिकारियों के नाम हैं।

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    दिल्ली पुलिस जल्द ही कोर्ट की अनुमति लेकर दोषी कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए भागलपुर आने वाली है। दिल्ली हौजखास थाने के एसएचओ सत्येंद्र सांगवान ने बताया कि जितेंद्र सिंह तोमर मामले में 17 विश्वविद्यालय कर्मियों को दोषी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की गई है।

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    कई बार भागलपुर आई दिल्ली पुलिस
    हौजखास थाने की पुलिस पिछले माह ही चार्जशीट दाखिल करती, लेकिन विवि द्वारा कार्रवाई से संबंधित जो पत्र जारी किया गया था, वह कोर्ट के नाम न होकर हौजखास थाने के एसएचओ के नाम था। साथ ही कागजात में कई त्रुटियां भी थीं। लिहाजा कोर्ट ने कागजात सुधार कर लाने का निर्देश दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस टीएमबीयू आई और कोर्ट के नाम से लिखे पत्र को लेकर गई थी। इसके बाद 50 हजार पेज की चार्जशीट तैयार कर दाखिल की गई।

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    मालूम हो कि एडवोकेट जनरल से सलाह लेने के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की सिंडिकेट ने दिल्ली पुलिस की मांग पर दोषी विश्वविद्यालय कर्मियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा दो फरवरी को की थी। इधर, तोमर की डिग्री रद करने को लेकर विवि सीनेट की बैठक 20 मार्च को बुलाई गई है। सीनेट की मुहर लगने के बाद तोमर की डिग्री रद हो जाएगी। राजभवन ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने स्तर से तोमर की डिग्री रद करने का निर्देश दिया है।

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    इन पर होगी कार्रवाई
    दिनेश श्रीवास्तव, निरंजन कुमार, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, कृष्णानंद, जनार्दन प्रसाद यादव, रजी अहमद, राजीव रंजन पोद्दार, अनिरुद्ध प्रसाद, बड़े नारायण सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह, सदानंद राय, राम अवतार शर्मा, शंभूनाथ सिन्हा, भूदेव प्रसाद सिंह, एचके पांडेय आदि पर कार्रवाई की बात दिल्ली पुलिस ने बताई है।

    क्या है मामला
    दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने सत्र 1994-97 के दौरान मुंगेर के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। मामला पकड़ में आने के बाद पता चला कि तिमांभाविवि के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर तोमर को कानून की डिग्री जारी कर दी गई थी।

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    डिग्री लेते समय माइग्रेशन सर्टिफिकेट और अंकपत्र जमा करने पड़ते हैं। लेकिन तोमर द्वारा जमा किए गए दोनों सर्टिफिकेट अलग-अलग विश्वविद्यालयों के हैं। अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद का अंकपत्र और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी का माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा किया गया था। दोनों विवि पूर्व में ही इन प्रमाणपत्रों की वैधता को खारिज कर चुकी है।

    इस बाबत हौजखास थाना दिल्ली के एसएचओ सत्येंद्र सांगवान ने कहा कि जितेंद्र सिंह तोमर मामले में 17 विश्वविद्यालय कर्मियों को दोषी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की गई है।

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