'शुरुआती ब्रह्मांड में कितनी अलग थीं आकाशगंगाएं', शोधकर्ताओं ने किया यह दावा
द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए एक पेपर में कहा गया कि शुरुआती आकाशगंगाओं में हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा बेहद कम तत्व थे। ब्रह्मांड की जानकारी हासिल करने के लिए कई टेलिस्कोप लगे हुए हैं।
वॉशिंगटन, एएनआई। विश्व की सबसे संवेदनशील रेडियो टेलीस्कोप अब ब्रह्मांड की शुरुआत से जुड़े रेडियो संकेत खोज रही है। एक नई शोध में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आकाशगंगा में धातुओं की कमी प्रतीत होती है। हाइड्रोजन एप्रोच ऑफ आयनाइजेशन ऐरे (HERA) टीम ने जानकारी दी कि ऐरे की संवेदनशीलता को दोगुनी हो गई है। ऐसा इसलिए हुआ ताकि ब्रह्मांड में अंधकार की अवधि समाप्त होने के बाद से रेडियो रेडिएशन को खोजा जा सके। हालांकि, अभी तक रेडिएशन को खोजा नहीं जा सका है लेकिन इनके परिणामों से ब्रह्मांड की शुरुआत में सितारों और गैलेक्सी की संरचना के सुराग मिलते हैं।
कितनी अलग हैं हमारी आकाशगंगाएं?
द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए एक पेपर में कहा गया कि शुरुआती आकाशगंगाओं में हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा बेहद कम तत्व थे। ऐसी उम्मीद है कि शोध के आगे बढ़ने से हमें पता चल पाएगा कि हमारी आज की आकाशगंगाएं शुरुआती आकाशगंगाओं से कितनी अलग है।
ब्रह्मांड की जानकारी हासिल करने के लिए कई टेलिस्कोप लगे हुए हैं। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने बिग बैंग में ब्रह्मांड की शुरुआत के लगभग 325 मिलियन वर्ष बाद अस्तित्व में आई आकाशगंगा की तस्वीर ली है लेकिन जेडब्ल्यूएसटी केवल चमकीली आकाशगंगाएं ही देख सकती है। वहीं हेरा कम चमकीली आकाशगंगाएं देखने में भी सक्षम है।
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शुरुआती आकाशगंगाओं के नहीं मिले संकेत
हेरा के मुख्य अन्वेषक और यूसी बर्कले में खगोल विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर हारून पार्सन्स ने बताया कि हमें शुरुआती आकाशगंगाओं के संकेत नहीं मिले हैं। जिसका मतलब साफ है कि आज की आकाशगंगाओं की तुलना में शुरुआती आकाशगंगाएं काफी अलग होंगी।
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