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    इजरायल ने 10 साल पहले वॉकी-टॉकी में लगाए थे विस्फोटक, खुफिया एजेंटों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Mon, 23 Dec 2024 10:20 PM (IST)

    इसी साल सितंबर महीने में इजरायल ने हिजबुल्ला पर पहले पेजर और बाद में वॉकी-टॉकी अटैक किया था। इसमें कई आतंकियों की जान गई थी। वहीं तीन हजार से अधिक घायल हुए थे। अब खुलासा हुआ कि इजरायल ने वॉकी-टॉकी पर 10 साल पहले विस्फोटक प्लांट किए थे। सही वक्त आने पर इन पर धमाका करके पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया।

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    इजरायल के वॉकी-टॉकी मामले में बड़ा खुलासा।

    एपी, वाशिंगटन। हाल में सेवानिवृत्त हुए इजरायल के दो वरिष्ठ खुफिया एजेंटों ने घातक खुफिया अभियान के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि कैसे लेबनान और सीरिया में करीब तीन महीने पहले हिजबुल्ला के आतंकवादियों को विस्फोटक पेजर और वॉकी-टॉकी के जरिये निशाना बनाकर हमले किए गए। हिजबुल्ला ने हमास के सात अक्टूबर, 2023 के हमले के तुरंत बाद इजराइल पर हमला शुरू कर दिया था।

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    रविवार रात को प्रसारित सीबीएस के 60 मिनट्स कार्यक्रम के तहत इन एजेंटों ने कई चौंकाने वाली जानकारियां दीं। अपनी पहचान छिपाने के लिए दोनों मास्क पहने हुए थे। यहीं नहीं, उनकी आवाज भी बदली हुई थी। एक एजेंट ने बताया कि यह अभियान 10 साल पहले गोपनीय तरीके से छिपाकर लगाए गए विस्फोटकों से युक्त वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल के जरिये शुरू किया गया था। इसके बारे में हिजबुल्ला को पता नहीं था कि वह इन्हें अपने दुश्मन इजरायल से खरीद रहा है।

    इजरायल ने बनाई काल्पनिक दुनिया, नाम माइकल

    वॉकी-टॉकी में सितंबर तक विस्फोट नहीं किया गया था, लेकिन बम से भरे पेजर में विस्फोट की घटना के बाद वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट कर दिया गया। अधिकारी ने कहा कि हमने एक काल्पनिक दुनिया की रचना की, जिसका नाम माइकल रखा गया।

    ( हिजबुल्ला का पूर्व मुखिया हसन नसरल्लाह।)

    पेजर को बड़ा बनाया ताकि विस्फोटक रखा जा सके

    दूसरे अधिकारी ने बताया कि योजना के दूसरे चरण में पेजर का इस्तेमाल किया गया और इस योजना पर 2022 में काम तब शुरू किया गया, जब इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को पता चला कि हिजबुल्ला ताइवान की एक कंपनी से पेजर खरीद रहा है। उन्होंने बताया कि पेजर को थोड़ा बड़ा बनाना पड़ा ताकि उसमें विस्फोटकों को रखा जा सके।

    यूट्यूब पर चलाया फर्जी विज्ञापन

    गैब्रियल नामक दूसरे एजेंट ने कहा कि हिजबुल्ला को भारी पेजर को लेने के लिए राजी करने में दो सप्ताह लग गए। कुछ हद तक इसके लिए यूट्यूब पर झूठे विज्ञापनों का इस्तेमाल करके उपकरणों को धूलरोधी, जलरोधी, लंबी बैटरी वाले और अन्य सुविधाओं से लैस होने के रूप में प्रचारित किया गया।

    (इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू)

    उन्होंने फर्जी कंपनियों जिनमें हंगरी स्थित एक कंपनी भी शामिल थी, के इस्तेमाल का जिक्र किया। इसके माध्यम से ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को धोखे से मोसाद के साथ अनजाने में साझेदारी करने के लिए प्रेरित किया गया। हिजबुल्ला को भी इस बात का पता नहीं था कि वह अनजाने में इजरायल के लिए काम कर रहा है।

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