'हम चुप रहना पसंद करेंगे', सांसदों के धक्का मुक्की मामले में CISF का जवाब; कहा- कोई चूक नहीं हुई
संसद परिसर में भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच धक्का मुक्की हुई थी। इस दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हुए थे। अब चार दिन बाद सीआईएसएफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी और कहा कि हमारी तरफ से किसी भी प्रकार की चूक नहीं हुई है। सीआईएसएफ ने कहा कि संसद में प्रवेश करने वाले सांसदों की प्रोटोकॉल के अनुसार जांच नहीं की जाती है।

पीटीआई, नई दिल्ली। संसद परिसर में सांसदों के बीच हुई धक्कामुक्की मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को सीआईएसएफ ने कहा कि उसकी ओर से कोई चूक नहीं हुई है। हालांकि सांसदों के आरोप पर वह चुप रहना ही पसंद करेगा।
बता दें कि संसद भवन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है। सीआईएसएफ के डीआईजी श्रीकांत किशोर ने कहा कि घटना के दौरान बल ने उचित तरीके से और तय प्रोटोकॉल के अनुसार काम किया। झड़प के समय सीआईएसएफ की ओर से कोई चूक नहीं हुई।
हथियारों को अंदर नहीं जाने दिया गया
सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक (ऑपरेशन) श्रीकांत किशोर ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा, " सीआईएसएफ की तरफ से कोई चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चूक से आपका मतलब है कि कुछ हथियारों को अंदर जाने दिया गया है तो मैं आपको बता सकता हूं कि किसी भी हथियार को अंदर जाने की अनुमति नहीं गई।" किशोर ने कहा कि जब सांसद आरोप लगाएंगे तो बल चुप रहना पसंद करेगा।
कोई जांच नहीं कर रहा CISF
श्रीकांत किशोर ने कहा कि सीआईएसएफ 19 दिसंबर को संसद भवन परिसर के मकर द्वार पर हुई घटना की कोई जांच नहीं कर रहा है। बता दें कि संसद परिसर में विपक्ष और सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों के बीच धक्का मुक्की के दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। इसके बाद भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं होती सांसदों की जांच
श्रीकांत किशोर ने कहा कि संसद में आने वाले सभी सांसदों की जांच प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं की जाती है। इसी साल जून में संसद भवन परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को मिली थी। सीआईएसएफ के खिलाफ शिकायतों के सवाल पर किशोर ने कहा कि सांसद, परिसर में काम करने वाले कर्मचारी और आगंतुक काम से बहुत संतुष्ट और खुश हैं।
जवानों को दी गई उचित ट्रेनिंग
श्रीकांत किशोर ने कहा कि हमने अपने जवानों को संसद की सुरक्षा के लिए उचित ट्रेनिंग दी है। सांसदों समेत सभी लोग परिसर की सुरक्षा को और बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं। संसद की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने आगे कहा कि संसद का सुरक्षा विभाग सत्र के दौरान सदन में एक सीट से मिली नकदी समेत सुरक्षा से जुड़े अन्य सवालों का जवाब देने में सक्षम है।
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