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    9/11 हमले के कुछ घंटों बाद ही ओसामा के परिवार को पता चल गया कि इसके पीछे कौन

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 05 Aug 2018 10:42 PM (IST)

    9/11 के हमले से अमेरिका को हिला कर रख देने वाले ओसामा की मां पहली बार मीडिया के सामने आई और ओसामा के बारे में काफी कुछ बताया।

    9/11 हमले के कुछ घंटों बाद ही ओसामा के परिवार को पता चल गया कि इसके पीछे कौन

    नई दिल्‍ली (जागरण स्‍पेशल)। अलकायदा आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत के सात साल बाद उसकी मां ने पहली बार अपने बेटे के बारे में सार्वजनिक तौर पर बात की है। एक ब्रिटिश अखबार ने ओसामा की मां आलिया गानेम से जेद्दा स्थित उनके खानदानी घर पर बातचीत की। आलिया ने बताया कि उनका बेटा बचपन में शर्मीला और अच्छा बच्चा था मगर यूनिवर्सिटी में ब्रेनवॉश करके जबरन उसके विचार बदल दिए गए। उन्होंने आखिरी बार 1999 में ओसामा को अफगानिस्तान में देखा था। यह 9/11 की घटना से दो साल पहले की बात है।

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    प्रभावशाली परिवार
    ओसामा का परिवार सऊदी अरब के सबसे प्रभावशाली परिवारों में से एक है। इ
    स परिवार ने निर्माण के कारोबार से संपत्ति जोड़ी है। ओसामा के पिता मोहम्मद बिन अवाद बिन लादेन ने आलिया गानेम को ओसामा के जन्म के तीन साल बाद तलाक दे दिया था। इसके बााद उन्‍होंने दूसरी शादी ली और अपना दूसरा परिवार बसा लिया था, ओसामा उन्हीं के साथ रहता था। अवाद बिन लादेन के 50 से ज्यादा बच्चे हैं।

    जेहादी बनने पर प्रतिक्रिया
    आलिया से पूछा गया कि जब उन्हें अपने बेटे के जेहादी लड़ाका बनने का पता चला तो उन्हें कैसा लगा? उन्होंने बताया, ‘हम बहुत ज्यादा परेशान थे। मैं ऐसा कतई नहीं होने देना चाहती थी। वो कैसे सब बर्बाद कर सकता था? जब उन्हें 9/11 हमलों में ओसामा की भूमिका होने का पता चला तब वे सन्न रह गए थे।

    लगी पाबंदियां
    परिवार का कहना है कि 9/11 हमलों के बाद सऊदी सरकार ने उनसे पूछताछ की। उनके आने-जाने पर पाबंदियां लगा दी गई थीं।

    भयानक नतीजे की चिंता
    ओसामा के दो भाई हसन और अहमद भी इस इंटरव्यू के दौरान मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमले के 48 घंटों के अंदर हम जानते थे कि ओसामा ही इसके पीछे है। अमेरिका पर हुए हमले के बाद घर के हर छोटे-बड़े सदस्य को उनपर शर्म आ रही थी। हम सब जानते थे कि हमें इसके भयानक नतीजे भुगतने होंगे। हमारे परिवार के सभी सदस्य दुनिया में जहां भी थे, वहां से सऊदी लौट आए थे।

    ओसामा नहीं जिम्मेदार
    आलिया 9/11 हमलों के 17 साल बाद भी ओसामा बिन लादेन के बजाय उनके साथ के लोगों को जिम्मेदार मानती हैं।1971 में फालुन, स्वीडन की यात्र पर ओसामा (दाएं से दूसरा) अपने भाइयों-बहनों के साथ।

    ब्रेनवाश से पहले अच्‍छा था ओसामा 
    उन्होंने बताया कि जब ओसामा 20 साल के आसपास था तो वह काफी मजबूत, प्रेरित और पवित्र था लेकिन बाद में वह बदल गया। जेद्दा की किंग अब्दुल्लाजीज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही ओसामा कट्टरपंथी बना। बेटे के बचपन को याद करते हुए गानेम ने बताया, 'यूनिवर्सिटी के लोगों ने उसे बदल दिया। वह एक अलग आदमी बन गया। वहां वह अब्दुल्ला अजाम नाम के एक शख्स से मिला, जो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य था, जिसे सऊदी अरब से निर्वासित कर दिया गया था और बाद में वह ओसामा का धर्मगुरु बना।' गानेम ने आगे बताया, 'वह बहुत अच्छा बच्चा था जब तक वह कुछ ऐसे लोगों से नहीं मिला था जिन्होंने उसका ब्रेनवॉश किया। उन्हें ऐसा करने के लिए पैसे मिलते थे। मैंने हमेशा ओसामा को ऐसे लोगों से दूर रहने को कहा और उसने कभी भी स्वीकार नहीं किया कि वह क्या कर रहा था, क्योंकि वह मुझसे बहुत प्यार करता था।

    अफगानिस्‍तान पहुंचा ओसामा
    1980 के दशक के शुरुआती सालों में ओसामा रूस के कब्जे के खिलाफ लड़ने अफगानिस्तान पहुंचा। गानेम ने बताया, 'शुरुआती दिनों में ओसामा से जो भी मिलता था वह उसका सम्मान करता था। शुरू में, हमें उसपर बहुत गर्व होता था। यहां तक कि सऊदी सरकार भी उसके संग बहुत अच्छे संबंध रखती थी और फिर सबके सामने आया 'ओसामा द मुजाहिद'।'

    पाकिस्‍तान के ऐबटाबाद में ओसामा को किया था ढेर 
    मालूम हो कि लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर 2 मई 2011 को मार गिराया था। इस ऑपरेशन की सातवीं वर्षगांठ पर लादेन को गोली मारने वाले अमेरिकी नेवी सील के कमांडो रॉब ओ नील ने कहाथा कि 'हमारे दल में शामिल सभी कमांडो मान चुके थे कि वह मरने वाले हैं। उन्होंने अपने घर वाले को अलविदा भी कह दिया था। नील का कहना था लादेन के गढ़ में पहुंचने पर कमांडो को लगा था कि यह ऑपरेशन उनका आखिरी ऑपरेशन होगा। एक साक्षात्कार में नील ने कहा था कि, मिशन पूरा कर जब हम सभी हेलीकॉप्टर में वहां से निकले तब लगा कि हमारी जान बच सकती है। पायलट ने संदेश दिया कि हम अफगानिस्तान में हैं। यह सुनने के बाद लगा कि हमने कर दिखाया।' उस वक्त यह एक गर्व की बात थी। ऐसी टीम का हिस्सा होना मेरे लिए सम्मानजनक है।'  

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