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    जो बाइडन ने परमाणु समझौते से रूस के हटने को बताया बड़ी गलती, यूरोप की सुरक्षा का संकल्प भी दोहराया

    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूरोप की सुरक्षा के लिए अमेरिका के संकल्प को दोहराया। उन्होंने वारसा में हजारों लोगों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन जैसे निरंकुश शासक का विरोध किया जाना चाहिए। (फोटो एपी)

    By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 22 Feb 2023 11:18 PM (IST)
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    बाइडन ने परमाणु समझौते से रूस के हटने को बताया बड़ी गलती

    वारसा, रायटर। रूस के परमाणु हथियार नियंत्रण संधि (न्यू स्टार्ट ट्रीटी) से हट जाने से उत्पन्न स्थिति के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के पूर्वी क्षेत्र के सहयोगी नेताओं से वार्ता की है। बाइडन इस समय यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड में हैं। उन्होंने परमाणु समझौते से रूस के हटने को बड़ी गलती करार दिया।

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    बाइडन ने यूरोप की सुरक्षा के लिए अमेरिका के संकल्प को दोहराया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रूस और पश्चिमी देशों के बीच पैदा सर्वाधिक तनाव के बीच बाइडन ने वारसा में हजारों लोगों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, रूसी राष्ट्रपति पुतिन जैसे निरंकुश शासक का विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों को यूरोप की सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया।

    'लोकतंत्र की रक्षा की है हमारी लड़ाई'

    रूस के नजदीकी पूर्वी यूरोप के देशों- पोलैंड, बुल्गारिया और लिथुआनिया के नेताओं से बाइडन ने कहा कि आपकी सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन युद्ध के असली कारणों को अच्छी तरह से जानते हैं। हमारी लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा की है। बैठक में भाग ले रहे नेताओं ने यूक्रेन को हथियारों की और ज्यादा मदद देने की आवश्यकता जताई। साथ ही अपने लिए भी हथियारों की मदद मांगी।

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    उन्होंने कहा कि रूसी सीमा से नजदीकी उनके लिए खतरे की सबसे बड़ी वजह है। बाइडन ने आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा पर नाटो का पूरा ध्यान है। उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका के साथ हुई न्यू स्टार्ट ट्रीटी को खत्म करने की घोषणा की थी। इस समझौते में परमाणु हथियारों को लेकर दोनों देशों में पारदर्शिता बनाए रखनी थी।

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