मदद के इंकार से बौखलाए पाक ने रोकी नाटो सप्लाई तो यूएस के पास है ये प्लान
यूएस के मदद से इंकार करने के बाद पाक में इसको लेकर बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है। पाक इसके बाद कुछ ठोस फैसला ले सकता है, हालांकि यूएस भी इसके लिए तैयार है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध एक बार फिर से निचले स्तर पर आ गए हैं। इसकी वजह अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली 2 बिलियन डॉलर से इंकार है। इसको लेकर पूरे पाकिस्तान में बौखलाहट साफतौर पर दिखाई दे रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर दूसरे नेता भी अमेरिका को काफी भला बुरा कह चुके हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के अखबार द न्यूज के मुताबिक अमेरिका के रवैये को देखते हुए पाकिस्तान ने इंटेलिजेंस और डिफेंस कॉपरेशन को भी सस्पेंड कर दिया है। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने यह बात कही है। बहरहाल, इस मुद्दे पर पाकिस्तान की छटपटाहट किसी से अछूती नहीं रही है।
अफगानिस्तान को लेकर सारी लड़ाई
दरअसल, यह सारी लड़ाई अफगानिस्तान को लेकर है जहां पर अमेरिका काफी वर्षों से जमा हुआ है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अफगानिस्तान में अपनी फौज को खाने से लेकर मिलिट्री इक्यूपमेंट और तेल तक की सप्लाई अमेरिका पाकिस्तान के रास्ते से करता है। इसमें अब एक बड़ा सवाल यह सामने है कि यदि पाकिस्तान अपने रास्ते अमेरिका के लिए बंद कर देता है तो अमेरिका क्या करेगा। यह इसलिए भी बेहद खास है कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान से सामान की सप्लाई दूसरी जगहों के रास्ते सस्ती पड़ती है। वहीं यदि पाकिस्तान अपने रास्ते बंद करता है तो अमेरिका को इसके लिए रूस या दूसरे देशों का सहयोग लेना पड़ेगा जो समय के साथ अधिक खर्चीला भी होगा।
नाटो का सप्लाई रूट बाधित कर सकता है पाक
हालांकि अमेरिका बदलते माहौल में यह सब बखूबी जान रहा है। यही वजह है कि अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी ने यह माना कि दोनों देशों के संबंध काफी निचले स्तर पर आ चुके हैं। उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान सप्लाई के रूट को बाधित करता है तो इसके लिए सेंट्रल एशिया और रूस की तरफ से सप्लाई भेजने का रास्ता उनके पास खुला है।
मदद की राशि अभी सिर्फ सस्पेंड
उन्होंने यहां पर यह भी साफ कर दिया कि अमेरिका ने फिलहाल पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद की राशि को सस्पेंड किया है, पूरी तरह से बंद नहीं किया है। आपको बता दें कि वर्ष 2011 में भी अमेरिका को इसी तरह की एक परेशानी से जूझना पड़ा था। उस वक्त पाकिस्तान ने नाटो फोर्स को मिलने वाली तेल सप्लाई का रूट बंद कर दिया था। उस वक्त भी दोनों देशों के बीच संबंध निचले स्तर पर थे। उस वक्त भी अमेरिका ने सप्लाई के लिए सेंट्रल एशिया, रूस और काकेसस का रूट चुना था। हालांकि यह महंगा सौदा था।
प्लान बी तैयार
बिगड़े माहौल में भी अमेरिका को इस बात की पूरी उम्मीद है कि यदि इस तरह के हालात पैदा भी होते हैं तो अमेरिका इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। विदेश विभाग के अधिकारी के मुताबिक अमेरिका अपने प्लान तैयार करते समय मल्टीपल चेन सप्लाई तैयार रखता है।
अमेरिका का खरी-खोटी
मदद से इंकार के बाद जिस तरह से पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है कि उससे यह साफ है कि उसको इस इंकार से काफी फर्क पड़ा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी अमेरिका के उस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान अमेरिका को धोखा दे रहा है और आतंकियों को बच निकलने का साफ रास्ता दे रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका की मदद की कोई दरकार नहीं है।
पाक में सियासी घमासान
अमेरिकन मदद को लेकर पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है। पीटीआई चीफ इमरान खान ने इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को काफी लताड़ लगाई है। उन्होंने यहां तक कहा कि नवाज जैसे लोग ट्रंप की मदद से पाकिस्तान को बदनाम करने में लगे हुए हैं। ट्रंप के लिए उन्होंने कहा कि वह सिर्फ 75 अरब डॉलर के लिए पाकिस्तान को बदनाम करने में लगे हैं। वह लगातार अफगानिस्तान युद्ध को लेकर न सिर्फ अपनी रैलियों में बोल रहे हैं बल्कि ट्वीट भी कर रहे हैं।
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