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    ट्रक के आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरा! पूर्वानुमानों को लेकर सामने आईं खामियां; वैज्ञानिक चिंतित

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 29 Jan 2023 09:56 PM (IST)

    पृथ्वी के ऊपर से 2200 मील यानी की करीब 3600 किमी की दूरी से शुक्रवार को एक शिपिंग ट्रक के आकार वाला एस्टेरॉयड गुजरा जिसे 2023 BU का नाम दिया गया। हालांकि इस एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं था।

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    ट्रक के आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरा! पूर्वानुमानों को लेकर सामने आईं खामियां

    वाशिंगटन, रायटर्स। एस्टेरॉयड यानी क्षूद्रग्रह, इसका जिक्र होते ही मन में जिज्ञासा बढ़ने लगती है कि क्या कुछ होने वाला है? हाल ही में पृथ्वी के करीब से एक एस्टेरॉयड गुजरा है। जिसको लेकर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई। हालांकि, इस एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं था। लेकिन एस्टेरॉयड के बारे में लगाए जाने वाले पूर्वानुमानों में भारी खामियां देखने को मिली।

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    छोटे एस्टेरॉयड से बचना मुश्किल!

    पृथ्वी के ऊपर से 2200 मील यानी की करीब 3600 किमी की दूरी से शुक्रवार को एक शिपिंग ट्रक के आकार वाला एस्टेरॉयड गुजरा, जिसे 2023 BU का नाम दिया गया। हालांकि, इस एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं था। नासा वर्षों से बड़े और खतरनाक एस्टेरॉयड की जानकारी जुटाने को प्राथमिकता देता रहा है लेकिन छोटे एस्टेरॉयड के बारे में तभी पता चलता है जब वो पृथ्वी की सतह के बेहद करीब आ जाते हैं। ऐसे में अगर आबादी वाले इलाके में एस्टेरॉयड गिरने वाला हों तो उससे बचना बेहद मुश्किल होगा।

    नासा के मुताबिक, हर साल 5 मीटर के उल्का और हजार साल में एक बार 50 मीटर के उल्का पृथ्वी से टकरा सकते हैं। लेकिन मौजूदा घटना को देखने के बाद ऐसी चिंताएं जताई जाने लगी कि अंतरिक्ष वैज्ञानिक पृथ्वी की तरफ बढ़ने वाले किसी भी उल्का को धरती पर गिरने से महज कुछ दिन पहले ही देख सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स के एक वैज्ञानिक का कहना है कि हम नहीं जानते हैं कि पृथ्वी पर बड़ी तबाही मचाने में सक्षम ज्यादातर एस्टेरॉयड कहां हैं।

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    अंतरिक्ष में टेलीस्कोप लगाएगी नासा

    नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के मुताबिक, रूस के चेल्याबिंस्क के ऊपर 2013 में लगभग 20 मीटर का उल्का का विस्फोट हुआ। ऐसा विस्फोट 100 वर्ष में करीब एक बार होता है। इस विस्फोट से 33 मिलियन डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल में घुसने से पहले इसे किसी ने नहीं देखा था। ऐसे में नासा एस्टेरॉयड को देखने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार करने की कोशिशों में जुटी हुई है।

    नासा जल्द ही NEO सर्वेयर का उपयोग करना शुरू करेगी। 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के इस टेलीस्कोप को पृथ्वी से लाखों मील दूरी पर आसमान में रखा जाएगा और इससे एस्टेरॉयड के विस्तृत क्षेत्र पर नजर रखी जा सकेगी।

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