बांग्लादेश के बदले सुर, अब 95 भारतीय मछुआरों को करेगा रिहा; कहा- केस भी वापस लेंगे
कई मुद्दों पर भारत के साथ तनातनी के बीच बांग्लादेश के सुर बदले-बदले दिख रहे हैं। बांग्लादेश ने अब भारतीय मछुआरों को रिहा करने की बात कही है। पश्चिम बंगाल के करीब 95 मछुआरे इन दिनों बांग्लादेश की जेल में बंद हैं। सभी दक्षिण 24 परगना जिले से हिरासत में लिए गए थे। बांग्लादेश का कहना है कि वह ट्रालरों को भी वापस करेगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बांग्लादेश की जेल से 95 भारतीय मछुआरों की रिहाई होने वाली है। लगभग ढाई महीने पहले बांग्लादेश तट रक्षक ने बांग्लादेश के क्षेत्रीय जल में प्रवेश करने पर बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप से गए छह ट्रालरों को हिरासत में ले लिया था। उन ट्रालरों में 95 मछुआरे थे। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
मामलों को वापस लेने का फैसला
पिछले गुरुवार को बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव लुत्फुन नाहर ने एक अधिसूचना में घोषणा की है कि अंतरिम सरकार ने समुद्री मत्स्य पालन अधिनियम, 2020 के तहत 95 लोगों के खिलाफ दायर मामले को वापस लेने का फैसला किया है। ढाका ने हिरासत में लिए गए छह ट्रालर भी लौटाने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी ने उठाया था मामला
बांग्लादेश में काकद्वीप के मछुआरों की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें भारत वापस लाने की कार्रवाई करने की बात कही थी। राज्य की ओर से केंद्र सरकार का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया था।
भारत भी रिहा कर सकता बांग्लादेशी मछुआरे
मुख्यमंत्री कार्यालय ने मछुआरों के परिवार के सदस्यों की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए काकद्वीप विधायक मोंटूराम पाखिरा को बुलाया था। वहीं दूसरी ओर गृह मंत्रालय की ओर से भारत में फंसे 90 बांग्लादेशी मछुआरों को रिहा करने की तैयारी की जा रही है।
फर्जी पासपोर्ट रैकेट: बांग्लादेश भागने की फिराक में था एजेंट मनोज गुप्ता
पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़े एजेंट मनोज गुप्ता के बांग्लादेश भागने की तैयारी थी। इसी वजह से वह उत्तर 24 परगना जिले के गायघाटा में किराये के एक मकान में शिफ्ट हुआ था। यह स्थान बांग्लादेश के करीब है। मनोज पर बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों को भारतीय पासपोर्ट समेत फर्जी पहचान पत्रों को मुहैया करवाने का आरोप है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मनोज गुप्ता दक्षिण कोलकाता के बेहाला से संचालित एक फर्जी ट्रैवल एजेंसी से जुड़ा था। उसे शक हो गया था कि अगली गिरफ्तारी उसकी हो सकती है। इसके बाद वह उत्तर 24 परगना के गायघाटा चला गया। यहां से वह बांग्लादेश जाने की फिराक में था।
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