नए साल के जश्न के लिए नागटिब्बा-धनोल्टी में उमड़े सैलानी, लेकिन सूनी दिखी मसूरी की मॉल रोड
नववर्ष 2026 से पहले नागटिब्बा, धनोल्टी और नई टिहरी जैसे धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक उमड़ पड़े हैं। पर्यटक हिमालय की ...और पढ़ें

नागटिब्बा के शिखर को फतेह कर उत्साह के साथ नववर्ष का स्वागत करते पर्यटक, वहीं दूसरी ओर सूनी पड़ी मसूरी की माल रोड। जागरण
संवाद सूत्र, नैनबाग। नववर्ष 2026 के आगमन से पहले जौनपुर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। धार्मिक पर्यटक स्थल नागटिब्बा, पर्यटन नगरी धनोल्टी, बुरांशखंडा, पत्यरखोला, त्याड़ा डांडा भजराज देवता और कैम्पटी फाल में पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के बीच नए साल का स्वागत करते नजर आ रहे हैं।
वहीं मसूरी में साल की अंतिम शाम में बाजारों में भीड़ नहीं दिखाई दी और न ही कोई ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी। कुछ यही हालात मॉल रोड के भी रहे।
वहीं बुधवार को नागटिब्बा और धनोल्टी में बड़ी संख्या में पर्यटक इन स्थलों पर पहुंचे, जहां हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों, खुले बुग्यालों और घने जंगलों का मनोहारी दृश्य लोगों को आकर्षित कर रहा है। पर्यटकों का कहना है कि शहरों की भीड़, शोर और प्रदूषण से दूर नागटिब्बा का शांत वातावरण, औषधीय वनस्पतियां, विशाल देवदार और कैल के पेड़ व चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता उन्हें मानसिक सुकून प्रदान करती है। पर्यटकों ने बताया कि मखमल जैसी घास वाले बुग्यालों और शांत वादियों में समय बिताना केवल पर्यटन नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का एक अनोखा अनुभव है।
स्वच्छ हवा, खुले जंगल और वन्यजीवों के बीच नए साल की शुरुआत करना उनके लिए यादगार क्षण बन रहा है। पर्यटन नगरी धनोल्टी और धार्मिक पर्यटक स्थल नागटिब्बा में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वन विभाग पूरी तरह सतर्क है। सुरक्षा, स्वच्छता और वन्यजीव संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। मसूरी वन प्रभाग के डीएफओ अमित कुंवर ने बताया कि रेंज स्तर पर टीमें गठित कर निगरानी की जा रही है। उन्होंने नववर्ष का जश्न मनाने पहुंचे पर्यटकों से अपील की है कि वह जंगल के नियमों का पालन करें, शोर-शराबे, प्रदूषण और आग जैसी घटनाओं से बचें। साथ ही प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण में सहयोग करें।
नई टिहरी में ठंड के बाद भी पर्यटकों की रौनक
नई टिहरी। साल के अंतिम दिन नई टिहरी में सूर्य देव बादलों की ओट में छिपे रहे, जिससे ठंड में इजाफा हो गया और लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ा। हालांकि, ठंड के बावजूद नववर्ष के स्वागत को लेकर शहर में खासा उत्साह देखने को मिला। बाहर से आने वाले पर्यटकों की आमद ने नई टिहरी शहर में रौनक बढ़ा दी। एशिया की सबसे ऊंचे टिहरी बांध और उससे बनी विशाल झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
झील के मनोरम दृश्य और ठंडी हवाओं के बीच सैर-सपाटे के लिए देश-प्रदेश से आए सैलानियों का तांता लगा रहा। टिहरी झील में दिनभर वोटिंग सहित अन्य वाटर स्पोटर्स गतिविधियों के लिए भारी संख्या में पर्यटक कोटी कालोनी स्थित बोटिंग प्वाइंट पहुंचे। होटल, ढाबों और पर्यटन स्थलों पर चहल-पहल पसरी रही, जिससे स्थानीय व्यापारियों के चेहरों पर खुशी साफ झलकी। शहर के बाजारों में भी नववर्ष की तैयारियों को लेकर खास रौनक दिखाई दी। मौसम की ठंडक के बीच नए साल के स्वागत का उत्साह लोगों के चेहरों पर साफ नजर आया। बादलों में छिपे सूर्य देव और बढ़ती ठंड के बावजूद नई टिहरी में नववर्ष की उमंग, पर्यटकों की भीड़ और व्यापारिक गतिविधियों ने शहर को उत्सवमय बना दिया।

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