बगैर टीईटी पास शिक्षा मित्रों की नौकरी पर संकट
हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को गलत मानते कहा कि उन्हें हर हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी ही होगी।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए बिना टीईटी पास शिक्षा मित्रों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को गलत मानते हुए साफ किया है कि उन्हें हर हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी ही होगी।
ऊधमसिंह नगर निवासी ललित आर्य व अन्य ने ने याचिका दायर कर कहा था कि वे टीईटी पास हैं। शिक्षक पद की पूर्ण अर्हता रखते हैं। केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक पद के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने को अनिवार्य बनाया है, मगर उत्तराखंड में नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया गया।
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इस मामले में पिछले दिनों सुनवाई पूरी हो चुकी थी। शनिवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांश धुलिया की एकल पीठ द्वारा फैसला सुनाया गया, जिसमें शिक्षा मित्रों को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट के फैसले से करीब तीन हजार शिक्षा मित्रों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।
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