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    उत्तराखंड की रबर डोल हर्षिका ने किया भारत का नाम रोशन, वर्ल्ड कप योग चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 08:12 PM (IST)

    नैनीताल जिले के हल्द्वानी की नौ वर्षीय हर्षिका रेखाड़ी ने चतुर्थ वर्ल्ड कप योग चैंपियनशिप में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने पारंपरिक योग में रजत ...और पढ़ें

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    हर्षिका रेखाड़ी ने एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रोशन किया।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: देवलचौड़ बंदोबस्ती निवासी हर्षिका रेखाड़ी ने एक बार फिर उत्तराखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय फलक पर ऊंचा दिया है। हल्द्वानी की रबर डोल से प्रसिद्ध नौ वर्षीय हर्षिका ने दिल्ली में आयोजित चतुर्थ वर्ल्ड कप योग चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर पारंपरिक योग में रजत व आर्टिस्टिक योग में कांस्य पदक हासिल किया है।

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    दिल्ली में यूनिवर्सल योग स्पोर्ट्स फेडरेशन की ओर से चतुर्थ विश्व योग चैंपियनशिप का आयोजन 27 दिसंबर को आयोजित हुआ था। जिसमें 17 देशों से आए विभिन्न प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया ।जिसमें भारत की ओर से जस गोविन पब्लिक स्कूल हल्द्वानी की मशहूर नौ साल की नन्ही हर्षिका रेखाड़ी ने प्रतिभाग किया था।

    Haldwani Harshika Rekhadi

    हर्षिका के इस ऐतिहासिक जीत के बाद उसको शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया है। मंडी विपणन बोर्ड में एकाउंटेंट के पद में कार्यरत पिता भुवन रेखाड़ी ने बताया कि पांच वर्ष से ही हर्षिका ने यूट्यूब पर योग की वीडियो देखने लगी थी। योग में इस कदर रुचि रखने लगी थी कि हर समय यही देखा करती थी।

    उसकी रुचि को देखते हुए उसे उन्होंने योग एकेडमी में उसे प्रशिक्षण के लिए भेज दिया। जहां पर उसने एक साल में ही कठिन से कठिन आसन पर महारथ हासिल कर ली। कहा कि बेटी का सपना था की वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में प्रतिभाग करे और देश के लिए पदक अर्जित कर सके। उन्होंने कहा की बेटी देश के लिए आगे भी योग में स्वर्ण पदक लाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी।

    Harshika Rekhadi

    छह राष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग कर चुकी है हर्षिका

    योग की दुनिया में नाम कमाने वाली नन्ही हर्षिका अब तक छह राष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग कर चुकी है। वहीं उसने अब तक 30 पदक अर्जित किए हैं। जिसमें 15 गोल्ड मेडल प्राप्त किए है। कम उम्र में हैरतअंगेज आसनों को दिखा कर हर्षिका अपना लोहा मनवा चुकी है।

    तेज बुखार होने पर अस्पताल में किया एडमिट

    पिता भुवन बताते हैं कि दिल्ली में स्पर्धा होने से तीन दिन पहले हर्षिका को करीब 104 डिग्री बुखार था। बुखार कम नहीं हुआ तो उन्होंने उसको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। तीन दिन तक हर्षिका अस्पताल में रही।

    जहां चिकित्सकों ने बताया कि बेटी को वायरल फीवर है। ठीक होने के बाद ही वह दिल्ली के लिए रवाना हो गई। जिस पर बेटी ने स्पर्धा में प्रतिभाग किया और देश के लिए पदक हासिल किया है।

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