Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड के खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में नहीं मिलेगा कोटा, सरकार को कानून बनाने की छूट

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 22 May 2019 11:49 AM (IST)

    उत्तराखंड के सरकारी विभागों में नेशनल इंटरनेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में कोटा नहीं मिलेगा।

    उत्तराखंड के खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में नहीं मिलेगा कोटा, सरकार को कानून बनाने की छूट

    नैनीताल, जेएनएन। नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके खिलाडिय़ों को अब उत्तराखंड के सरकारी विभागों में चार फीसद कोटा नहीं मिलेगा। हाई कोर्ट ने आरक्षण से संबंधित याचिकाओं को निरस्त कर दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार चाहे तो मापदंडों का अनुपालन करते हुए खेल कोटा दे सकती है। कोर्ट के फैसले से नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के बाद सरकारी सेवाओं में खेल कोटे से नौकरी का ख्वाब पाल रहे खिलाडिय़ों की उम्मीद टूट गई है। 
    पिथौरागढ़ निवासी महेश सिंह नेगी व अन्य ने याचिका दायर कर उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा परिषद के 20 दिसंबर 2011 को ग्रुप सी के पदों के लिए जारी विज्ञप्ति के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्ति दिलाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने सामान्य श्रेणी में खेल कोटे से आवेदन किया था। 28 दिसंबर 2012 को उसने लिखित परीक्षा दी। 30 जुलाई 2013 को अंतिम परिणाम घोषित किया गया, जिसमें याची का नाम मेरिट लिस्ट में 40वें नंबर पर था, लेकिन उसे नियुक्ति नहीं मिली। आरटीआइ से 14 अगस्त 2013 को पता चला कि हाई कोर्ट ने खेल कोटे में दिए जा रहे क्षैतिज आरक्षण को निरस्त कर दिया है। इसी आधार पर उनका चयन भी निरस्त कर दिया गया। खेल कोटे में आरक्षण को लेकर अलग-अलग आदेशों के बाद मुख्य न्यायाधीश ने फुल बेंच का गठन किया। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की फुल बेंच ने आरक्षण से संबंधित याचिकाओं को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने आरक्षण को असंवैधानिक ठहराते हुए सरकार को छूट दी है कि वह चाहे तो संवैधानिक मापदंडों का अनुपालन करते हुए खेल कोटे में आरक्षण दे सकती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कई राज्‍यों में लागू है कोटा 
    राजीव मेहता, महासचिव भारतीय ओलंपिक संघ ने बताया कि खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र समेत तमाम राज्यों में सरकारी सेवाओं में खेल कोटा लागू है। सरकार को खेल कोटे पर नए सिरे से विचार करना चाहिए। नई खेल नीति में इसको शामिल करना चाहिए। वह इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा तो वह दूसरे राज्यों को पलायन करेंगे।

    यह भी पढ़ें : वेब सीरीज की शूटिंग को नैनीताल पहुंचीं मशहूर अभिनेत्री जैकलीन, तिलक लगा किया स्‍वागत
    यह भी पढ़ें : सेना में भर्ती कराने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले फर्जी कर्नल के कारनामों की सूची लंबी

    लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप