Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नैनीताल में नगर पालिका के टोल और पार्किंग पर बाहरी लोगों का 'कब्‍जा'! सीसीटीवी भी ठप, उठे सवाल

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 04:23 PM (IST)

    नैनीताल में नगर पालिका के टोल और पार्किंग का संचालन बाहरी लोगों द्वारा किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उनके रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। शहर में सीसीटीवी कैमरों के ठप होने से सुरक्षा व्यवस्था पर भी चिंता जताई जा रही है, जिससे अपराध बढ़ने की आशंका है।

    Hero Image

    नैनीताल में बाहरी लोग चला रहे नगर पालिका के टोल और पार्किंग। जागरण

    नरेश कुमार, नैनीताल। पालिका ने वित्तीय संकट से पार पाने के लिए पार्किंग व टोल शुल्क में बढ़ोतरी तो की, लेकिन इन पार्किंग व टोल बूथों में क्या खेल हो रहा है, इससे बेखबर है। महीनों से टोल व पार्किंग स्थल नगर पालिका कर्मियों के नहीं, बल्कि दूसरे लोगों के बूते चल रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या नगर पालिका कर्मचारियों ने टोल व पार्किंग में काम करने के लिए अपने व्यक्तिगत कर्मी रख लिए हैं। इसके अलावा टोल व पार्किंग स्थलों में गड़बड़ी पर हर पल नजर रखने के लिए लाखों की लागत से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी ठप पड़े है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अप्रैल में हाई कोर्ट ने नगर पालिका को शहर के पार्किंग स्थल और टैक्सी टोल चुंगी का स्वयं संचालन करने के निर्देश दिये थे। निर्देशों के बाद नगर पालिका ने पार्किंग शुल्क बढ़ाकर 500 व टोल 300 रुपए प्रति वाहन कर अपने कर्मचारी नियुक्त कर दिये। कुछ दिन संचालन के बाद कर्मियों की कमी खली, तो पालिका ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी टोल व पार्किंग में नियुक्त कर दिया।

    पालिका का दावा था कि शुल्क बढ़ोतरी के बाद पालिका की वित्तीय हालत में सुधार आएगा, लेकिन कुछ माह बाद ही बाहरी लोगों ने पालिका की आय पर कब्जा जमा लिया। बीते कुछ माह से बारापत्थर, तल्लीताल लेक ब्रिज, फांसी गधेरा टोल के साथ ही पार्किंग स्थलों में बाहरी लोगों ने कब्जा जमा लिया। पालिका कर्मियों के साथ खड़े ये बाहरी लोग टोल काटने से पार्किंग शुल्क वसूलने तक का कार्य कर रहे हैं, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी इससे अनजान बने बैठे हैं।

    तो क्या कर्मचारियों ने ही रख लिए हैं कर्मी
    पार्किंग व टोल का संचालन नगर पालिका के हाथ में आने के बाद वहां ड्यूटी देने वाले कर्मियों की होड़ सी मच गई है। वहीं, बाहरी लोगों के स्थलों में ड्यूटी करने से नगर पालिका की निगरानी व व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। आठ-आठ घंटे के अंतराल में बाहरी युवक टोल व पार्किंग में ड्यूटी करने आते हैं, जिनकी आउटसोर्स से नियुक्ति किए जाने को पालिका के अधिकारी भी इनकार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या इन स्थलों पर ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों ने ही अपने कर्मचारी रख लिए हैं। अगर ऐसा है, तो क्या कर्मियों को मानदेय पालिका की आमदनी से कटौती कर दिया जा रहा है।

    निगरानी को लाखों के कैमरे बने शोपीस
    पार्किंग व टोल का संचालन नगर पालिका के पास आने के बाद अधिकारियों ने बारापत्थर से तल्लीताल तक के तीन टोल व सभी पार्किंग स्थलों में लाखों की लागत से सीसीटीवी स्थापित किये। सभी कैमरों को जोड़कर पालिका कक्ष में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया। अधिकारियों का दावा था कि वह कार्यालय में बैठकर ही सभी पार्किंग व टोल की निगरानी कर गड़बड़ी पर लगाम लगा सकेंगे, लेकिन अधिकारियों के यह दावे अधिक नहीं टिक सके। जून माह से सीसीटीवी कैमरे ठप पड़े हैं।

    आनलाइन शुक्ल वसूली के दावे भी धुले
    हाई कोर्ट ने शुल्क बढ़ोतरी के बाद सभी पार्किंग व टोल को फास्ट टैग की तरह शुल्क वसूली का सिस्टम आनलाइन करने के निर्देश दिये थे। लेकिन अधिकारियों ने कोर्ट के आदेशों को भी भुला दिया है। टोल व पार्किंग स्थलों में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने का बहाना बनाकर नकद शुल्क ही वसूला जा रहा है।

    पार्किंग व टोल में आउटसोर्स से कोई नियुक्ति नहीं की गई है। इंटरनेट का बिल अदा नहीं करने के कारण सीसीटीवी ठप पड़े हैं। बिल जमा करने के बाद उन्हें सुचारू करवा दिया जाएगा। यदि पार्किंग व टोल में बाहरी व्यक्ति कार्य कर रहे हैं, तो इसकी जांच की जाएगी। - रोहिताश शर्मा, ईओ नगर पालिका नैनीताल

    यह भी पढ़ें- नैनीताल में मॉर्निंग वॉक पर निकले CM धामी, पर्यटकों और स्कूली बच्चों से की मुलाकात

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के नैनीताल जिले में अब 200 मीटर से ज्यादा दूरी तक नहीं नाच सकेंगे बराती, डीजे भी बैन

    यह भी पढ़ें- 1.12 करोड़ से होगा नैनीताल-भवाली रोड का चौड़ीकरण, सैलानियों को मिलेगा जाम से छुटकारा