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India Lockdown : उत्तराखंड में फंसे नेपाली नागरिकों को भेजने के लिए खोले गए तीन पुल

लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा सील होने से भारत में फंसे नेपाली नागरिकों को वापस भेजने के लिए गृह मंत्रालय की गाइडलाइन जारी हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 06:59 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 02:43 PM (IST)
India Lockdown :  उत्तराखंड में फंसे नेपाली नागरिकों को भेजने के लिए खोले गए तीन पुल
India Lockdown : उत्तराखंड में फंसे नेपाली नागरिकों को भेजने के लिए खोले गए तीन पुल

पिथौरागढ़, जेएनएन : लाकडाउन के चलते विगत एक माह से अधिक समय से भारत में फंसे नेपाली नागरिक अपने देश रवाना। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व चंपावत जिले के तीन अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों झूलाघाट, बलुवाकोट और धारचूला को नेपाली नागरिकों के लिए खोला गया। दोनों देशों के सुरक्षा बल सावधानी पर नजर रखे हैं। एक बार में एक ही व्यक्ति को पुल से जाने दिया जा रहा है। सभी नेपाली नागरिकों के नेपाल जाने में तीन से चार घंटे तक का समय लग सकता है। बरम, पिथौरागढ़, निगालपानी, गौरीहाट, तालेश्वर से नेपालियों को झूलाघाट, बलुवाकोट और धारचूला पहुंचा दिया गया है। इस मुश्किल वक्त में देश लौटने को लेकर नेपाली नागरिक खुश हैं। नेपालियों ने भारत के राहत केन्द्रों में मिली सुविधाओं की सराहना की है। बता दें कि नेपाली नागरिकों की वतन वापसी को लेकर गृह मंत्रालय ने बुधवार को गाइडलाइन जारी कर दी थी। पिथाैरागढ़ के डीएम डॉ. वीके जोगदंडे ने बताया कि होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइन जारी होने के बाद तैयारियां कर ली गई थीं।

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बताया जा रहा है कि नेपाल के दार्चुला जिले के नागरिकों को धारचूला पुल से और बैतड़ी, बजांग के निवासियों को बलुवाकोट झूला पुल से भेजा जाएगा। इसी तरह पिथौरागढ़ के राहत केंद्र में रह रहे दार्चुला के नेपाली नागरिकों को धारचूला और बैतड़ी , बजांग के नागरिकों को झूलाघाट ले जाया जाएगा।नेपाल के बैतड़ी प्रशासन के अनुसार गुरु वार सुबह सात बजे अंतरराष्ट्रीय झूला पुल नेपाली नागरिकोंं के लिए खोला जाएगा। इसी तरह बलुवाकोट और धारचूला के पुल भी खुलेंगे। डॉ. वीके जोगदंडे , जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने बताया कि गृह मंत्रालय से नेपाली नागरिकों को वापस भेजने की गाइडलाइन मिल गई है। उसी के अनुसार तैयारी की जा रही है।

नेपाल में 24 मार्च से जारी है लॉकडाउन

भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है। इस समय यहां लॉकडाउन का सेकेंड फेज चल रहा है। वहीं नेपाल सरकार ने भी शुरुआत में कोरोना संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि के बाद 24 मार्च से पूरे देश लॉकडाउन कर दिया है। वहीं अब नए केस सामने आने के बाद से लॉकडाउन की अवधि को निरंतर बढ़ाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नेपाल में अब तक कुल 52 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हाे चुकी है, जबकि 16 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। अच्छी बात है कि अब नेपाल में कोरोना से अब तक कोई मौत नहीं हुई है। भारत से नेपा के चार राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और सिक्किम की सीमा लगती है। भारत में बड़ी तादाद में नेपाली नागरिक रोजगार के चक्कर में निवास करते हैं।

प्रशासन कर रहा है नेपाली नागरिकों के खाने पीन का प्रबंध

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व चम्‍पावत जिले में करीब 1500 नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। भारत और नेपाल में अचानक से लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से वतन वापसी की उम्मीद में पहुंचे नागरिक बाॅर्डर सील होने के कारण फंस गए। पिथौरागढ़ व चम्‍पावत के राहत शिविरों में करीब 1500 नागरिक रह रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ही उनके खाने-पीने का प्रबंध कर रहा है। फिलहाल नेपाली नागरिकों को लेने के संदर्भ में अभी तक नेपाल प्रशासन ने कुछ भी स्प्ष्ट नहीं किया है। वहीं लाॅकडाउन बढ़ने के बाद से नेपाली नागरिकों को एक बार फिर निराश होना पड़ा है।

नेपाली नागरिकों की दूतावास कर रहा मदद

दिल्ली में मौजूद नेपाल दूतावास में कन्सुलर हरि प्रसाद ओडारी ने पिछले दिनों कहा था कि, लॉकडाउन के दौरान किसी को भी यात्रा करने की अनुमति नहीं है, इसलिए लोगों को वहीं रहना चाहिए जहाँ वो हैं। दूतावास उनके रहने और खाने की व्यवस्था करने में उनकी मदद करेगा। उन्होंने बताया कि दूतावास ने कहा है कि उन्हें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, पुणे, पंजाब, बेंगलुरु, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, कुल्लू-मनाली समेत कई जगहों से फ़ोन आ रहे हैं। हम भारत सरकार, प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर लोगों की पूरी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण जिन लोगों की नौकरियां चली गई हैं और जो लोग फंसे हुए हैं उनके बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए दूतावास के अधिकारी भारत सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

नदी और जंगल से नेपाल भागने की कोशिश

लॉकडाउन के कारण पिथाैरागढ़ में झूला पुल बंद होने से फंसे नेपाली मजदूरों द्वारा नदी और जंगल पार कर घुसने की कोशिश करने की खबरें सामने आती रहीं। पिछले दिनों नौ मजदूर पुलिस को चकमा देकर काली नदी पारकर नेपाल जाने में सफल रहे। सभी को नेपाल में क्वारंटीन कर दिया गया है। वहीं कुछ लोगों ने ट्यूब के सहारे नदी पार करने की भी कोशिश की। इस दौरान बहुत सारे लोग भागने में सफल रहे तो बहुत से पकड़े भी गए। नेपाली नागरिकों को भागने में मदद करने वालों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।

सतपाल महाराज भी लगा चुके हैं गुहार

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी नेपाली नागरिकों को भेजने के लिए केन्द्र सरकार से गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ और चंपावत में लॉकडाउन के कारण फंसे नेपाल के करीब 1500 लोगों को उनके देश भेजने की कोशिश की। लेकिन नेपाल सरकार द्वारा उनके ही देश में उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसे में इन लोगों के सामने अब भुखमरी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री को अनुरोध किया गया कि इन सभी लोगों को लॉकडाऊन खुलने या इससे पूर्व ही नेपाल भेजे जाने की व्यवस्था की जाए अन्यथा इस क्षेत्र में अराजकता के साथ-साथ संक्रमण बढ़ने का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है।

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