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Swachh Survekshan 2020 : स्वच्छता रैंकिंग में कैसा रहा कुमाऊं के निगम और निकायों का हाल, जानिए

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग केन्द्र सरकार ने गुरुवार को जारी कर दी। कुमाऊं में निगम और निकायों का पिछली बार की अपेक्ष इस बार रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 08:38 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 08:38 PM (IST)
Swachh Survekshan 2020 : स्वच्छता रैंकिंग में कैसा रहा कुमाऊं के निगम और निकायों का हाल, जानिए

नैनीताल, जेएनएन : स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग केन्द्र सरकार ने गुरुवार को जारी कर दी। कुमाऊं में निगम और निकायों का पिछली बार की अपेक्ष इस बार रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। हल्द्वानी ने 121 स्थान की छलांग 229वां स्थान हासिल किया है। जबकि नैनीताल पालिका देश में 68वां जबकि प्रदेश में पहला स्थान हासिल हुआ है। पिथौरागढ़ नगर पालिका को प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल हुई है। जिले को देश में 58 वीं रैंक हासिल हुई है। चम्पावत नगर पालिका ने अपनी रैंकिंग सुधारते हुए प्रदेश में 24 वां तो जनपद में प्रथम स्थान हासिल किया है। काशीपुर नगर निगम ने लंबी छलांग लगाकर 139वां स्थान हासिल किया है। रुद्रपुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 87 अंकों की छलांग लगाते हुए 316वें स्थान पर पहुंच गया है।

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देश के 382 शहरों में हल्द्वानी ने 229वां स्थान हासिल किया

हल्द्वानी : स्वच्छता रैंकिंग में हल्द्वानी नगर निगम का बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। पिछले साल के मुकाबले हल्द्वानी ने 121 स्थान की छलांग लगाई है। देश के 382 शहरों में हल्द्वानी ने 229वां स्थान प्राप्त किया है। पिछले साल हल्द्वानी को 350वां स्थान प्राप्त हुआ था। प्रदेश स्तर पर देखें तो हल्द्वानी ने देहरादून, रुड़की और काशीपुर के बाद चैथी रैंक हासिल की है। प्रदेश स्तर पर पिछली बार हल्द्वानी तीसरी पोजिशन पर था। सबसे सुखद बात यह रही है कि धरातलीय सर्वेक्षण के लिए पहुंची केंद्रीय टीम को इस बार शहर में स्वच्छता का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर लगा। स्वच्छता का जायजा लेने पहुंची टीम ने सड़कों और गलियों की साफ-सफाई की स्थिति, पब्लिक शौचालय की उपलब्धता और उनकी सफाई, पार्कों के रखरखाव आदि को देखा है। जाहिर है नगर निगम की टीम ने लगातार बेहतर प्रयासों से शहर की स्वच्छ बनाने का काम किया है। शहर की स्वच्छता को लेकर पूछे गए फीडबैक में 22 हजार से अधिक शहरवासियों ने 905 से अधिक अंक दिलाए हैं। 

नैनीताल पालिका ने पाया प्रदेश में पहला स्थान

नैनीताल : स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के 25- 50 हजार जनसंख्या वाले निकायों में नैनीताल पालिका ने ऊंची छलांग लगाई है। नैनीताल ने देश में 68वां जबकि प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। बीते वर्ष पालिका को देश में 616वां, जबकि प्रदेश में 21वां स्थान हासिल किया था। ईधर कभी पहला स्थान पाने वाला नैनीताल छावनी परिषद अब पिछड़ने लगा है। नैनीताल ने देश भर के 62 कैंट में से 24वां स्थान हासिल किया है। जबकि बीते वर्ष से चौथा स्थान हासिल हुआ था। कैंट सीईओ आकाश तिवारी ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में निर्धारण मानक बहुत अधिक बढ़ा दिये गए है। जिसमें कूड़ा रिसाइकल प्लांट, प्लास्टिक रिसाइकल प्लांट, कास्टिंग जैसे मानक भी शामिल है । नैनीताल में जगह का अभाव होने के कारण इस तरह के लगा पाना फिलहाल संभव नहीं है। जिस कारण रैंकिंग में पिछड़ना पड़ रहा है।

पिथौरागढ़ नगर पालिका को प्रदेश में तीसरी रैंक

पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ ने स्वच्छता सर्वेक्षण में शानदार सफलता अर्जित की है। पचास हजार से एक लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पिथौरागढ़ नगर पालिका को प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल हुई है। जिले को देश में 58 वीं रैंक हासिल हुई है। केंद्र सरकार हर वर्ष जनसंख्या के हिसाब सभी शहरों में स्वच्छता का सर्वेक्षण कराती है। इसके तहत खुले में शौच, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ड्रैनेज आदि व्यवस्थाओं का आंकलन करने के साथ ही सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों की राय भी ली जाती है। इस आधार पर शहरों को अंक प्रदान कर स्थान दिए जाते हैं। सीमांत नगर पालिका पिथौरागढ़ ने इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में शानदार सफलता अर्जित की है। गर पालिकाध्यक्ष राजेंद्र रावत ने सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि नगर के लोगों के सहयोग से ही यह सफलता मिल पाई है। उन्होंने कहा कि पालिका भविष्य में और बेहतर कार्य करने का प्रयास करेगी।

चम्पावत नगर पालिका ने प्रदेश में प्राप्त किया 24 वां स्थान

चम्पावत : स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में चम्पावत नगर पालिका ने अपनी रैंकिंग सुधारते हुए प्रदेश में 24 वें तो जनपद में प्रथम स्थान पर रही है। जबकि जनपद की टनकपुर नगर पालिका 31वें तथा बनबसा नगर पंचायत को 38 वें व लोहाघाट नगर पंचायत को 39 वें स्थान से संतोष करना पड़ा। बता दें स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश में चम्पावत करीब 55 वें स्थान पर था। गत वर्ष लोहाघाट नगर पंचायत ने प्रदेश में दूसरा स्थान तो जनपद में पहले पायदान पर था। लेकिन इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में लोहाघाट की रैंकिंग काफी गिरी। इस बार लोहाघाट को दूसरे स्थान के स्थान पर प्रदेश पर 39 वें व जनपद में चौथे या यूं कहें अंतिम स्थान से संतोष करना पड़ा।  नप चम्पावत ने इस बार प्रदेश में 24 वें तो जनपद में प्रथम स्थान पर कायम हुई। इससे लोगों में काफी हर्ष का माहौल बना हुआ है। वहीं टनकपुर नगर पालिका ने भी गत वर्ष की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है। नगर पालिका चम्पावत के चेयरमैन विजय वर्मा, टनकपुर पालिका के चेयरमैन विपिन वर्मा, लोहाघाट नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा एवं बनबसा नगर पंचायत अध्यक्ष रेनू अग्रवाल का कहना है कि वे जनता के सहयोग से लगातार स्वच्छता की ओर आगे बढ़ रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में वे और अधिक बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

आमजन के सहयोग ने दिखाया काशीपुर को कामयाबी का रास्ता

काशीपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण के राष्ट्रीय पायदान पर काशीपुर पिछले वर्ष की 308 की तुलना में लंबी उछाल लेकर 139 स्थान पर काबिज हुआ है। जबकि राज्य में काशीपुर का देहरादून और रुढ़की के बाद तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश में काशीपुर की रैंकिग पिछले वर्ष दूसरे पायदान पर रही थी। काशीपुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले वर्ष की अपेक्षा 2020 में 169 स्थान की बढ़त बनाई है। राष्ट्रीय स्तर पर जहां 2019 में काशीपुर का 308 वां स्थान था वहीं 2018 में काशीपुर को 257वीं रैंक हासिल हुई थी। इस रैकिंग की खास वजह यह भी रही कि इस बार लोगों ने स्वच्छता पर उम्मीद से ज्यादा हाथ बढ़ाया और निगम का साथ दिया। जिसमें सीनियर सिटीजन फीडबैक ने अहम रोल निभाया है। वहीं 20 वार्ड शामिल होने से निगम का दायरा बढ़ने से पिछली बार पायदान से डगमगाया, लेकिन इस साल निगम ने नए वार्ड सवारे और बेहतर सोंच से आगे बढ़ा और कामयाब भी हुआ। शहर की स्वच्छता में आवाम का तालमेल बेहद सराहनीय रहा।

स्वच्छता की रैंकिंग में रुद्रपुर ने लगाई 87 अंक की छलांग

रुद्रपुर: सफाई में बेहतर कार्य करने से रुद्रपुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 87 अंकों की छलांग लगाते हुए 316वें स्थान पर पहुंच गया है। यदि गीला व सूखा कूड़ों का निस्तारण और जनवरी से पहले ट्रोमल कंवेयर से कूड़ा उठाने का काम शुरु हुआ होता तो सौ से ज्यादा अंक और मिलते हैं। इससे रैंकिंग में और सुधार होता। पिछले साल रुद्रपुर की 403वीं रैंकिंग थी। नगर निगम ने जिनके घर में शौचालय नहीं थे, उनके यहां शौचालय बनाए। सार्वजिनक शौचालय बनाए गए। घर-घर कूड़ा उठाने के साथ लोगों को सफाई के प्रति जागरुक किया गया। डिवाइरों पर फूलदार पौधे लगाए गए। 25 सरकारी कालोनियों में कंपोस्ट खाद बनाने के लिए पिट बनाए गए। नगर आयुक्त जय भारत सिंह ने बताया कि शहर को सुंदर बनाने के लिए हर स्तर पर काफी प्रयास किए गए हैं। जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ था। इसके बाद किच्छा रोड स्थित मोहल्ला पहाड़गंज में डंप कूड़ों को उठाने का काम ट्रोमल कन्वेयर से शुरु हुआ। जैविक खाद बनाने का प्लांट सवेक्षण के बाद शुरु हुआ। यदि समय से प्लांट शुरु हुआ होता तो रैंकिंग में और सुधार होता। हालांकि इसका लाभ अगले साल रैंकिंग में मिलेगा।


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