Famous Jageshwar Dham Temples In Almora : जागेश्वर धाम, जहां महादेव और सप्तऋषियों ने की तपस्या, यहीं से शुरू हुई शिव लिंग को पूजने की परंपरा
Famous Jageshwar Dham Temples In Almora जागेश्वरधाम भगवान शिव का मंदिर ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना है। शिव पुराण लिंग पुराण और स्कंद पुराण आदि पौराणिक कथाओं में भी मंदिर का उल्लेख है। मंदिर में शिलालेख नक्काशी और मूर्तियां एक खजाना है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : Famous Jageshwar Dham Temples In Almora : अल्मोड़ा को देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृति नगरी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण अल्मोड़ा जिले में कई पौराणिक और एतिहासिक मंदिर हैं। इसमें पौराणिक जागेश्वर धाम विश्व में प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है। मंदिरों के समूह और ज्योतिर्लिंगों आदि के लिए जागेश्वर का नाम इतिहास में दर्ज है।
जागेश्वर धाम भगवान शिव का मंदिर ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना है। शिव पुराण, लिंग पुराण और स्कंद पुराण आदि पौराणिक कथाओं में भी मंदिर का उल्लेख है। मंदिर में शिलालेख, नक्काशी और मूर्तियां एक खजाना है। जाटगंगा नदी की घाटी में स्थित मंदिर में वास्तुकला और इतिहास के लिहाज से भी कई पौराणिक सामग्री हैं।
मंदिर के अंदर करीब 124 मंदिर
मान्यता के अनुसार यहां भगवान शिव और सप्तऋषियों ने अपनी तपस्या की शुरुआत की थी। इस जगह से ही शिव लिंग को पूजा जाने लगा था। इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि इसे गौर से देखने पर इसकी बनावट बिल्कुल केदारनाथ मंदिर की तरह नजर आती है। यहां तक कि इस मंदिर के अंदर करीब 124 ऐसे छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं जो जागेश्वर धाम का परिचय देता है।
जागेश्वर में पौराणिक और एतिहासिक मंदिर समूह
प्रधान पुजारी जागेश्वर हेमंत भट्ट ने बताया कि जागेश्वर में पौराणिक और एतिहासिक मंदिर समूह हैं। मंदिर का नाम इतिहास में भी दर्ज हैं। मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। मान्यता है कि यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की मनाेकामनाएं पूरी होती हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। यहां के मंदिरों की नक्काशी प्राचीन भारतीय मंदिरों के ही अनुरूप है।
इन देवताओं और मंदिरों से है प्रसिद्ध
अल्मोड़ा: जागेश्वर धाम में मुख्य तौर पर शिव, विष्णु, शक्ति और सूर्य देव की पूजा होती है। दंडेश्वर मंदिर, चंडी-का-मंदिर, जागेश्वर मंदिर, कुबेर मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नंदा देवी या नौ दुर्गा, नवग्रह मंदिर और सूर्य मंदिर यहां के प्रमुख मंदिर हैं। पुष्टि माता और भैरव देव की भी पूजा होती है।
कैसे पहुंचे जागेश्वर
जागेश्वर पहुंचने के लिए बस, ट्रेन आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। दिल्ली से जागेश्वर आने के लिए पहले 270 किमी हल्द्वानी तक ट्रेन या बस से आना होगा। इसके बाद हल्द्वानी से जागेश्वर लगभग 120 किमी बस या टैक्सी से यात्रा करनी होगी।
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