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    Famous Hindu Temple in Almora: न्याय के देवता के नाम से विश्व विख्यात हैं अल्मोड़ा के गोलू देवता

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 08:41 PM (IST)

    famous hindu temple in almora उत्तराखंड के कुमाऊं में न्याय देव गोलू के कई मंदिर हैं। पर सबसे प्रसिद्ध है अल्मोड़ा को गोलू देवता मंदिर। यहां पर भक्त मनोकामना पूरी होने पर घंटियां बांधते हैं। न्याय व मन्नत के लिए चिट्ठी व स्टांप पेपर पर अपनी बात रखते हैं।

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    Almora golu dev mandir: हर साल दुनिया भर से यहां भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।

    जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : famous temple of almora Chitai Golu Dev: ऋग्वेद में हिमालय क्षेत्र को देवभूमि कहा गया है, जिसमें वर्तमान में उत्तराखंड का पूरा भूभाग सम्मिलित है। देवभूमि में जगह-जगह देवताओं का वास है। यहां के एतिहासिक मंदिर भी किसी न किसी तरह से प्रसिद्ध हैं। इसी तरह से पूरे कुमाऊं में गोलू, गोल्ज्यू या ग्वेल देवता बहुत प्रसिद्ध हैं। यह न्याय के देव व कुमाऊं के राजा कहे जाते हैं।

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    देवता का इतिहास

    मान्यता के अनुसार चंद वंश के एक सेनापति ने 12 वीं शताब्दी में मंदिर का निर्माण करवाया था।  न्याय के देव गोलू देवता को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से सबसे प्रसिद्ध है कि यहां पर कत्यूरी वंश के शासकों का 7वीं से 12वीं सदी तक राज था। गोलू महराज कत्यूरी वंश के राजकुमार या सेनानायक थे। यह स्पष्ट नहीं है।

    वह बहुत ही साहसी योद्धा थे। जब उनका जन्म हुआ तो अन्य रानियों ने ईर्ष्या के चलते उन्हें नदी में फेंक दिया और वहां एक पत्थर रख दिया। उन्हें एक मछुआरे ने बचाया। बाद में उन्होंने रानियां को दंड दिया। समय बीतने पर पर वह राजा बने और बहुत न्यायप्रिय हुए। इसके बाद वह त्वरित न्याय के लिए प्रसिद्ध हो गए।

    मान्यता

    मंदिर के अंदर सेफेद घोड़े में सिर पर सफेट पगड़ी बांधे गोलू देवता की प्रतिमा है, जिनके हाथों में धनुष बाण है। इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु न्याय मांगने के लिए आते हैं। गोलू देवता को स्थानीय संस्कृति में सबसे बड़े देवता के तौर पर पूजा जाता है। मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं। जब कहीं सुनवाई नहीं होती तो भक्त चितई गोलू मंदिर में चिट्ठी लिखते हैं। 

    स्टांप से फरियाद

    यही नहीं बहुत से भक्त स्टांप पेपर पर अपनी परेशानी व मनोकामना लिखकर न्याय मांगते हैं। पूरे मंदिर में अनगिनत घंटे-घंटियां व चिट्ठी-स्टांप टंगे मिलेंगे। इससे लोगाें के गोलू देवता पर अपार श्रद्धा व अटूट विश्वास का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

    मंदिर के पुजारी संतोष पंत ने बताया कि ग्वेल देवता का मंदिर पूरे विश्व में न्याय के देवता के नाम से प्रसिद्ध है। हर साल दुनिया भर से यहां भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। मंदिर में घंटियों में का चढ़ावा होता है, वहीं ग्वेल देव के नाम पर प्रार्थना पत्र भी लिखे जाते हैं।

    कैसे पहुंचे

    पहाड़ी पर बसा यह मंदिर चीड़ और मिमोसा के घने जंगलों से घिरा हुआ है। चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर है। गोलू मंदिर दिल्ली से करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर है। आनंद विहार से सीधे अल्मोड़ा की बस ले सकते हैं।

    ट्रेन से आ रहे हों तो काठगोदाम उतरकर अल्मोड़ा के लिए बस व टैक्सी ले सकते हैं। साथ ही यदि आप लखनऊ या दिल्ली आदि से फ्लाइट से आ रहे हों तो सबसे पास का एयरपोर्ट पंतनगर है। वहां से वाया हल्द्वानी बस व टैक्सी कर सकते हैं। पंतनगर से अल्मोड़ा करीब 120 किमी पड़ेगा।