coronavirus : जिम काॅर्बेट पार्क में हाथियों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड, महावत नहीं जा सकेंगे घर
बाघ-हाथी समेत अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रबंधन एहतियात बरतने के साथ ही दो कदम आगे बढ़कर तैयारी कर रहा है।
रामनगर, त्रिलोक रावत : इंसानों के बाद कोरोना वायरस का खतरा अब वन्यजीवों पर भी मंडराने लगा है। अमेरिका में टाइगर में कोरोना वायरस का संक्रमण मिलने के बाद एनटीसीए ने देश के अभ्यारण्य, जंगल और चिड़ियाघों को अलर्ट कर दिया है। वन महकमे के अफसरान और कर्मचारी इसको लेकर खासी सतर्कता बरत रहे हैं। बाघ-हाथी समेत अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रबंधन एहतियात बरतने के साथ ही दो कदम आगे बढ़कर तैयारी कर रहा है। सीटीआर प्रबंधन ने हाथियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए दो आइसोलेशन वार्ड बनाए हैं। यदि हाथियों में कोरोना के संक्रमण मिलते हैं तो उनको आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। पार्क में गश्त करने वाले 17 पालतू हाथियों व स्लीपर डॉग के करीब अनावश्यक जाने पर रोक लगा दी गई है। महावतों के घर आने-जाने व पारिवारिक सदस्यों से मिलने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बिजरानी व कालागढ़ में बनाए गए वार्ड
पार्क में पालतू हाथियों और स्लीपर डॉग में संक्रमण होने का खतरा अधिक है। क्योंकि इनसे महावत व वनकर्मियों का संपर्क बना रहता है। यही पालतू हाथी और स्लीपर डॉग गश्त के लिए जंगल में निकलते हैं। ऐसे में यदि ये संक्रमित हुए तो जंगल के अन्यजीवों के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है। जिसे देखते हुए इनकी सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। पालतू हाथियों के लिए जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क के बिजरानी और कालागढ़ जोन में दो आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। यदि कोई हाथी संक्रमित मिला तो उन्हें इसी आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।
महावत नहीं जा सकेंगे घर, बाहर का कुछ नहीं खाएंगे हाथी
कॉर्बेट पार्क के पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा ने बताया कि हाथियों को संक्रमण से बचाने के लिए महावतों को उनके घर मोहल्ला खताड़ी रामनगर में आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। परिवार के सदस्य भी महावतों से नहीं मिल पाएंगे। केवल महावत व कार्बेट कर्मी ही हाथी कैंप मेें प्रवेश कर सकेंगे। सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि हाथी कैंप को सेनेटाइज किया गया है। हाथियों व स्लीपर डॉग की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मिनरल्स व विटामिन दिए जा रहा हैं। हाथी जंगल का ही चारा खाएंगे। बाहर से आने वाला कोई भी खुली खाद्य सामग्री नहीं दी जा रही है।
स्वस्थ वनकर्मी करेंगे वन्य जीव को रेस्क्यू
यदि जंगल से आबादी में बाघ, हाथी, गुलदार या अन्य जंगली जानवर आएगा तो उसेे रेस्क्यू करने के लिए भी वनाधिकारियों को सतर्कता बरतनी होगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि आबादी में आए वन्य जीव को रेस्क्यू करने मेें उन्हीं वन कर्मियों को लगाया जाए जो पूरी तरह स्वस्थ्य हों। रेस्क्यू करने के लिए जाने वाले कर्मियों को पहले स्वास्थ्य की जांच कराना आवश्वक होगा। बुखार, खांसी से पीड़ित कर्मी को रेस्क्यू के लिए बिल्कुल भी नहीं भेजा जाएगा।
देशभर में जारी है अलर्ट जारी
अमेरिका के एक चिड़ियाघर में बाघ के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उत्तराखंड समेत देशभर में अलर्ट जारी हो चुका है। सेंट्रल जू ऑथोरिटी के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानी एनटीसीए ने गाइडलाइन जारी कर दी। राष्ट्रीय पार्क, रिज़र्व फॉरेस्ट से लेकर सभी चिड़ियाघरों में बाघों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। वैसे तो जू, राष्ट्रीय पार्क के अलावा फॉरेस्ट गेस्टहाउस में इस समय एंट्री पर बैन है, लेकिन फिर भी महकमा किसी भी चूक से बचना चाहता है। क्योंकि छोटी सी लापरवाही जंगल के पूरे सिस्टम को खतरे में डाल सकती है। निगरानी को कैमरा ट्रेप का सहारा लिया जाएगा।
एनटीसीए की ये है गाइडलाइन
फॉरेस्ट के मुताबिक अगर इस बीच किसी भी बाघ, हाथी या गुलदार की मौत होती है तो पोस्टमार्टम के लिए जंगल जाने वाली चिकित्सकों की टीम सुरक्षा किट के साथ जाएगी। जंगल में गश्त को जाने वाले वनकर्मी भी स्वास्थ्य परीक्षण करवाएंगे। इसके अलावा मानव-वन्यजीव संघर्ष के दौरान बाघ को रेस्क्यू करते हुए भी संक्रमण बचाव से जुड़ी सावधानी बरती जाए।
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