उत्तराखंड में 90 दिन के लिए छोड़े गए थे 40 कैदी, पकड़ में आए चार साल बाद
वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के कारण हल्द्वानी उप कारागार से 90 दिन के लिए छोड़े गए 667 कैदियों में से 40 कैदियों को चार स ...और पढ़ें

खुलेआम घूम रहे थे कैदी, थर्टी फर्स्ट व न्यू ईयर अब जेल में मनाएंगे। प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हल्द्वानी उप कारागार से 667 कैदियों को रिहा किया गया था। हालांकि कैदियों को सिर्फ 90 दिन के लिए छोड़ा गया था। लेकिन जब कैदियों को वापस लाने की बारी आई तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। हालांकि पुलिस ने 403 कैदियों को वापस जेल पहुंचा दिया था। अब चार साल बाद फिर 40 कैदियों को पुलिस ढूंढकर लाई है। जो अब हल्द्वानी उप कारागार में कैद हो गए हैं। यह कैदी अब थर्टी फर्स्ट व न्यू ईयर भी जेल में ही मनाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वर्ष 2021 में हल्द्वानी उप कारागार में कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए अंडर ट्रायल के 530 व सजायफ्ता के 137 कैदियों को पैरोल व जमानत में रिहा किया गया। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईपावर समिति बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद समिति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी, जिन्हें कुछ समय के लिए आजाद किया जा सकता था। हालांकि गंभीर मामलों में जेल में बंद दुष्कर्म, गैंगस्टर जैसे कैदियों को रिहा नहीं किया गया।
उप कारागार से छूटे हुए हल्द्वानी के अलावा अधिकांश कैदी रुद्रपुर, बिजनौर व मुरादाबाद के थे। जेल प्रशासन की मानें तो खुलेआम घूम रहे इन कैदियों को विभिन्न जिलों की पुलिस ने पकड़कर फिर यहां भेजा है। इस बार का थर्टी फर्स्ट व न्यू ईयर भी यह कैदी जेल में ही मनाएंगे। वहीं, बाकी बचे 224 कैदियों को पुलिस उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश में तलाश कर रही है। जेलर प्रमोद पांडे का मानना है कि इन 224 कैदियों में से कई कैदियों की या तो मृत्यु हो गई है या फिर वह जमानत में छूट चुके होंगे। क्योंकि यह कैदी बड़े क्राइम में शामिल नहीं थे।

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