हरिद्वार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बढ़ रही वारदातों की काली परछाई, बदमाशों के लिए बन रही पनाहगाह
हरिद्वार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अपराध की काली परछाई बढ़ रही है, क्योंकि बदमाश इसे पनाहगाह बना रहे हैं। लक्सर फ्लाईओवर पर हुई घटना इसी भूगोल का पर ...और पढ़ें

बुधवार को लक्सर फ्लाइओवर पर विनय त्यागी को गोली मारकर भागते बदमाश।
शैलेंद्र गोदियाल, जागरण हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार का नाम और भूगोल जितना पवित्र दिखाई देता है, उसकी सीमाएं उतनी ही संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण भी हैं। जनपद हरिद्वार का पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सा पूरी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। ये सीमाएं अपराध की दृष्टि से बदमाशों के लिए मैदान और पनाहगाह बन रही हैं।
बुधवार को लक्सर फ्लाइओवर पर हुई वारदात इसी भूगोल से उत्पन्न हुई है। अपराधी यहां सीमाओं को छलांग की तरह पार कर पुलिस के सामने ही वारदात को अंजाम देकर पलक झपकते ही दूसरी ओर ओझल हो जाते हैं।
इससे हरिद्वार में अपराध का बढ़ता ग्राफ, बहारी बदमाश गिरोहों की निर्बाध आवाजाही और पुलिस की सीमित पकड़ ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
हरिद्वार का देहाती इलाका सुल्तानपुर, लक्सर, खानपुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, मंगलौर सीधे मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बिजनौर जनपदों की सीमाओं से जुड़ा है। इसी सीमा पर दूर तक फैले खेत, गन्ने की सघन फसल, नहरों का जल और कच्चे संपर्क मार्गों से जुड़ी यह सीमा अपराधियों के लिए अदृश्य सुरंग से कम नहीं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का आपराधिक इतिहास पहले से ही कुख्यात रहा है। लूट, डकैती, चेन स्नैचिंग, अपहरण, हत्या और अवैध हथियारों की लंबी विरासत रही है। अपराध की यही विरासत धर्मनगरी हरिद्वार को अपराध का खुला मैदान बना देती है।
सामाजिक ताने-बाने की आड़
हरिद्वार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच सामाजिक ताना-बाना भी इस चुनौती को और गंभीर बनाता है। सीमावर्ती इलाकों में मिश्रित आबादी, नाते-रिश्तेदारी, बाहरी श्रमिकों की आवाजाही, बढ़ती अस्थायी बस्तियां और सिडकुल, बहादराबाद, भगवानपुर व लक्सर औद्योगिक क्षेत्र की भीड़ अपराध के लिए आड़ बन रही है। यही पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
पुलिस बनी रही मूकदर्शक
सुरक्षा व्यवस्था के चुस्त रहने के सरकारी दावों के बीच लक्सर फ्लाइओवर पर घटित सनसनीखेज वारदात ने इन दावों की जमीन हिला दी। फ्लाइओवर पर जाम के दौरान पेशी पर ले जाए जा रहे कुख्यात बदमाश विनय त्यागी पर दिनदहाड़े गोलियां बरसा दी गईं।
अफरातफरी मच गई, वाहन जहां-तहां रुक गए, लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि घटनास्थल पर मौजूद पुलिस एक भी जवाबी गोली नहीं चला पाई।
हथियारों से लैस हमलावर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए और पुलिस की भूमिका मूकदर्शक जैसी नजर आई। मौके पर पुलिस कर्मियों ने हमलावर बदमाशों को पकड़ने का भी प्रयास तक नहीं किया। जिससे बदमाशों ने अपनी सुरक्षित फरारी तय की। भले ही इस वारदारत से किरकिरी होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई, पूरी रात नाकों पर सघन चेकिंग हुई।

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