हरिद्वार में कुख्यात विनय त्यागी पर हमले का मामला, आखिर किसके हाथ में थी शेरा की लगाम; पिक्चर अभी बाकी है...
हरिद्वार में कुख्यात विनय त्यागी पर हमला करने वाले सनी यादव और उसके साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। ...और पढ़ें

कुख्यात विनय त्यागी पर हमला करने वाले सनी यादव और उसका साथी अजय को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
मेहताब आलम, जागरण हरिद्वार: कुख्यात विनय त्यागी पर हमला करने वाले सनी यादव और उसके साथी को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार तो कर लिया। मगर कई सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं।
सनी यादव उर्फ शेरा के खिलाफ बेशक लूट व हत्या के कुछ मुकदमें भी दर्ज हैं, लेकिन उसका कद इतना बड़ा नहीं है कि अकेले अपने दम पर कुख्यात की रैकी कर पुलिस के वाहन पर फायरिंग का दुस्साहस कर सके।
पूरी संभावना है कि विनय त्यागी के किसी प्रतिद्वंद्वी गैंग ने शेरा की मदद की है। हालांकि, अधिकारी अभी इस बारे में खुलकर बोलने से बच रहे हैं, मगर यह साफ है कि पुलिस ने फिलहाल जो पर्दाफाश किया है, कहानी केवल इतनी नहीं है। पुलिस महकमे में भी ये चर्चाएं हैं कि पिक्चर अभी बाकी है।
64 से ज्यादा मुकदमों वाला कुख्यात विनय त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बड़ा गैंगेस्टर है। उसके पास सनी यादव जैसे गुर्गों की कमी नहीं है। काशीपुर डकैती में जमानत पर छूटकर 2012 में नौकरी करने मेरठ पहुंचे सनी यादव को उसने रंगदारी के लिए काल करने, रकम वसूली के काम पर लगा दिया।
कई साल तक विनय के साथ काम कर चुका सनी यादव उसकी हत्या के लिए इतनी सटीक योजना नहीं कर सकता है। ये तो गनीमत रही कि तीन गोलियों में कुख्यात को एक भी गोली सिर, गर्दन या दिल की जगह नहीं लगी। जबकि सनी यादव और अजय यादव ने पूरी तसल्ली से पुलिस के वाहन पर गोलियां बरसाई।
इसलिए केवल हिस्सेदारी न मिलने और हत्या की धमकी से तंग आकर सनी यादव ने विनय की हत्या का बीड़ा उठाया, यह बात गले नहीं उतर रही है। पुलिस अधिकारी भी दबी जुबान से उसकी मदद होने की बात स्वीकार कर रहे हैं।
इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि आरोपितों से विस्तृत पूछताछ में उनके मददगारों का खुलासा हो सकता है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि विनय से अदावत रखने वाला कोई न कोई कुख्यात गैंग जरूर सनी उर्फ शेरा के संपर्क में रहा होगा।
उसी ने रैकी से लेकर हमला कराने और भागने में सनी व अजय की मदद की है। रुड़की से लक्सर के बीच कुछ और लोग सनी व अजय के साथ रहे हों, इसकी भी प्रबल संभावना है। अब सवाल यह है कि शेरा की लगाम किस बड़े बदमाश के हाथ में थी। इसका पर्दाफाश होना अभी बाकी है।
पुलिस को दिखाया आईना
पुलिस ने भले ही 24 घंटे के भीतर दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया हो, मगर घटना के तौर तरीके ने पुलिस को आईना दिखाने का काम किया है। वह भी तब, जबकि दिल्ली धमाके के बाद पुलिस रात-दिन सघन चेकिंग कर रही है।
घटना के बाद लक्सर में कई लोग यह कहते सुनाई दिए कि पुलिस केवल आमजन के लिए चेकिंग करती है। अलर्ट और मुस्तैदी के बीच दुस्साहसिक घटना को अंजाम देना ही पुलिस की चौकसी व इकबाल पर सवाल खड़े करता है।
दारोगा सिपाही पर गाज, जवाबदेही किसकी
हमले के दौरान लापरवाही बरतने पर एक दारोगा व दो सिपाहियों पर तो गाज गिर गई। मगर बाकी अधिकारियों की जिम्मेदारी या जवाबदेही तय नहीं हुई। बदमाशों ने दिनदहाड़े जाम का फायदा उठाकर जिस तरह पुलिस के वाहन पर फायरिंग की और आसानी से फरार हो गए, क्या सिर्फ तीन पुलिसकर्मी ही उसके लिए जिम्मेदार हैं।
जिले में आमजन के साथ-साथ पुलिस महकमे के भीतर भी ये सवाल उठ रहे हैं। वहीं, एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल का कहना है कि प्रथम दृष्टया तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जांच बैठाई गई है। जांच में यदि किसी और पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
दो पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
लक्सर: वारदात के दौरान बहादुरी का परिचय देते हुए घायल विनय त्यागी को अस्पताल पहुंचाने पर एसएसपी ने हेड कांस्टेबल गज्जीलाल और वाहन चालक कांस्टेबल संदीप सिंह को शाबाशी भी दी। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि हेड कांस्टेबल और वाहन चालक की मुस्तैदी से विनय त्यागी की जान बची है। दोनों पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।

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