Encounter में पुलिस का घुटनों पर लगता स्टीक निशाना, हरिद्वार में दिनदहाड़े फायरिंग कर कैसे निकले थे बदमाश
उत्तराखंड में पहले भी कई ऐसी आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जिसने पुलिस की नाकामी की पोल खोल दी है। अक्सर पुलिस का निशाना बदमाशों के घुटनों पर स्टीक लगता है। ...और पढ़ें

कुख्यात पर हमले के बाद भागता बदमाश, जबकि लाल घेरे में राइफल के साथ पुलिस का जवान। साभार इंटरनेट मीडिया
सोबन सिंह गुसांई, जागरण देहरादून : लक्सर में सरेआम हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर फरार हुए बदमाशों ने एक बार फिर पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कानून की पकड़ ढीली हो रही है या अपराधी तेज हो गए हैं।
प्रदेश में पहले भी कई ऐसी आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जिसने पुलिस की नाकामी की पोल खोली है। अक्सर पुलिस का निशाना बदमाशों के घुटनों पर स्टीक लगता है, जबकि लक्सर में दिनदहाड़े फायरिंग कर फरार हुए बदमाशों के साथ ऐसा नहीं हो पाया।
बुधवार को लक्सर में पेशी के दौरान पुलिस सुरक्षा के बावजूद दो बदमाशों ने मेरठ के हिस्ट्रीशीटर पर गोलियां दाग दीं और पैदल ही फरार हो गए। उनके पीछे आधुनिक हथियारों से लैस पुलिसकर्मी भागते दिखाई दिए। बदमाश वहां से निकल गए, जिसके बाद यह घटना पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बनी रही। पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी दबी जुबान से कह रहे हैं कि नये जमाने की पुलिस है, कुछ भी कर सकती है। यह घटना पुलिस के सामने बड़ा सवाल छोड़ गई है।
मसूरी की घटना ने भी उठाए थे कई सवाल
21 जनवरी 2024 को मसूरी में बदमाश को पकड़ने के लिए पहुंची दून पुलिस के एक दारोगा को आरोपित ने गोली मार दी थी। दारोगा बिना बुलेटप्रुफ जैकेट पहने बदमाश को पकड़ने के लिए निकल गए। दारोगा के पेट में गोली मारने के बाद बदमाश वहां से फरार हो गया। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेट लगाकर उसे पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी वह नहीं पकड़ा जा सका। मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। एक बार फिर लक्सर में हुई घटना ने पुलिस की सक्रियता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस से चालाक निकल रहे हैं बदमाश
सालों की ट्रेनिंग और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने के बावजूद अब भी पुलिस अपराधियों का सामना नहीं कर पा रही है। हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की ही बात करें तो वह उत्तर प्रदेश पुलिस की गोली से बचने के लिए जेल चला गया। कुख्यात विनय त्यागी के विरुद्ध हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, लूट जैसे 38 मुकदमे दर्ज हैं। वह मेरठ का हिस्ट्रीशीटर है, जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस से बचने के लिए उत्तराखंड में शरण ली और चोरी के केस में जेल चला गया। उसे पता था कि यदि वह बाहर रहा तो उत्तर प्रदेश पुलिस उसे नहीं छोड़ेगी।
किन परिस्थितियों में बदमाश गोली की घटना को अंजाम देकर फरार हुए, इसकी गंभीरता से जांच करवाई जा रही है। आरोपित की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के बारे में भी जांच के निर्देश जारी किए गए हैं।
- राजीव स्वरूप, पुलिस महानिरीक्षे, गढ़वाल परिक्षेत्र
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