पुलिस के हथियार बने खिलौना, हरिद्वार में बदमाश को भागते हुए सिर्फ देखते रह गए पुलिसकर्मी
प्रयागराज में अतीक और उसके भाई की हत्या के समान, लक्सर में विनय त्यागी पर हमला हुआ और पुलिसकर्मी देखते रहे। रुड़की पुलिस की छवि पहले भी कई बार गिरी है ...और पढ़ें

केके शर्मा, जागरण रुड़की: प्रयागराज में जिस तरह से पुलिस के सामने अतीक और उसके भाई की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिसकर्मी होलस्टर से पिस्टल भी नहीं निकाल सके थे। ठीक इसी तरह लक्सर में विनय त्यागी पर बदमाशों ने पिस्टल से गोलियां बरसाकर उसे घायल कर दिया।
यहां भी पुलिस के जवानों के पैर जमीन से चिपक गए। उनके हाथों मे स्वचलित हथियार मानों खिलौना बन गए। इसके चलते बदमाश हथियारों से लैस पुलिस के जवानों के सामने से साफ बचकर निकल गए। इस पूरी घटना ने पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रुड़की पुलिस का इकबाल कई बार कम हुआ है। मेरठ निवासी विनय त्यागी पर 38 मुकदमे दर्ज हैं। उसकी मेरठ के एक गैंग से अदावत चल रही है। विनय त्यागी को 12 दिसंबर को रुड़की जेल में शिफ्ट किया गया था। पुलिस को इसके मेरठ के गैंग से अदावत चलने का पुलिस को अनुमान था। इसके चलते ही उसे रुड़की जेल से लक्सर की कचहरी तक लाने के लिए पांच जवान स्वचलित हथियारों से भेजे गए थे।
रास्ते में दो पुलिसकर्मी सड़क पर लगे जाम को खुलवाने चले गए। इसी बीच मौका पाकर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। विनय त्यागी को घायल करने के बाद बदमाश पुलिस की आंखों के सामने से पिस्टल लहारकर भाग निकले।
वहीं, वाहन से उतरकर हथियार हाथ में लेकर पुलिसकर्मी उन्हें जड़वत देखते रह गए। पुलिसकर्मी हवाई फायरिंग कर बदमाशों को रुकने की चेतावनी देते तो वह भाग नहीं सकते थे। साथ ही, उनके पैर में गोली भी मारी जा सकती थी। वर्ष 2005 में अंग्रेज सिंह को उसके साथी हरिद्वार रोड पर स्थित बेलड़ी के पास पुलिस के वाहन के सामने ट्रैक्टर लगाकर छुड़ाकर ले गए थे।
बदमाश जाते-जाते पुलिस के हथियार भी लूटकर ले गए थे। वहीं, वर्ष 2016 में रुड़की की रामनगर कोर्ट में पेशी पर आए गैंगस्टर देवपाल राणा की परिसर में बदमाशों ने पुलिस कस्टडी में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। उस समय भी देवपाल राणा पुलिस की कस्टडी में था।
24 साल पहले पुलिस ने दिखाई थी हिम्मत
वर्ष 2001 में रुड़की की पुरानी कचहरी में कोर्ट होती थी। यहीं पर बदमाशों को पेशी होती थी। कचहरी में एक बदमाश को उसके साथी पुलिस पर हमला कर छुड़ाकर भाग रहे थे। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने थ्री नाट थ्री रायफल से एक बाइक पर भाग रहे तीन बदमाशों को गोली मार दी थी। जिसमें शमीम, स्वीटी और भूपेंद्र मारे गए थे।
जेल के बाहर हुई थी गैंगवार
रुड़की उपकारागार के बाहर पांच अगस्त 2014 को कुख्यात चीनू पंडित और सुनील राठी के गुर्गो के बीच गैंगवार हुई थी। पांच अगस्त शाम को चीनू पंडित जेल से रिहा हो रहा था। उसी दौरान सुनील राठी के गुर्गों ने कारबाइन से हमला कर दिया था। जिसमें चीनू पंडित और उसका भाई बाल-बाल बचा था। जबकि चीनू के तीन साथियों की मौत हुई थी। उस समय भी पुलिस की सुरक्षा पर तमाम सवाल खड़े हुए थे।

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