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भाजपा के दो विधायकों के बीच जुबानी जंग तेज, दे रहे एक दूसरे को चैलेंज

खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच बीते एक माह से चली आ रही जुबानी जंग लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही एकाएक तेज हो गई।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 01:18 PM (IST)
भाजपा के दो विधायकों के बीच जुबानी जंग तेज, दे रहे एक दूसरे को चैलेंज
भाजपा के दो विधायकों के बीच जुबानी जंग तेज, दे रहे एक दूसरे को चैलेंज

रुड़की, जेएनएन। खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच बीते एक माह से चली आ रही जुबानी जंग लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही एकाएक तेज हो गई। विधायक कर्णवाल ने शुक्रवार सुबह पत्रकार वार्ता में चैंपियन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यहां तक कह दिया कि वह गिल्ली-डंडा तक तो खेले नहीं, फिर किस बात के चैंपियन। दूसरी ओर चैंपियन ने भी पत्रकार वार्ता में कर्णवाल को मर्यादा में रहने की नसीहत दी। साथ ही उन्होंने गुर्जर समाज एवं क्षेत्र के अन्य के लोगों के साथ इस मामले को लेकर बैठक भी की। 

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सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में विधायक कर्णवाल ने कहा कि उनका जाति प्रमाण-पत्र बिल्कुल ठीक है। चैंपियन चाहें तो उसकी कहीं भी जांच करा लें। कहा कि यदि वह सचमुच 'चैंपियन' हैं तो खेल संघ के प्रमाणपत्रों को सार्वजनिक करें। 

साथ ही उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि उन्होंने कभी गिल्ली-डंडा तक नहीं खेला। कर्णवाल ने चैंपियन के आइएफएस होने पर भी सवाल उठाया और कहा कि अगर वह आइएफएस हैं तो उन्होंने विस चुनाव के दौरान अपने नामांकन में स्वयं को सिर्फ ग्रेजुएट क्यों दर्शाया। 

विधायक कर्णवाल ने चैंपियन के राज परिवार से होने पर भी सवाल उठाए। कहा कि मुगल साम्राज्य के कमजोर होने पर मराठा सरदारों ने नजीबाबाद के रुहेला सरदार नजीबुद्दौला को पराजित करके गंगा पार लंढौरा में किले का निर्माण कराया था। यहां मराठों ने लगान वसूली के लिए एक सामंत नियुक्त किया था। चैंपियन उसी सामंत परिवार से हैं। 

कहा कि प्रो. केके शर्मा की पुस्तक सहारनपुर संदर्भ में इसका जिक्र हुआ है। कर्णवाल ने कहा कि एक जून 2016 को जब चैंपियन के महल पर हमला हुआ था, तब वह स्वयं लंढौरा गए थे और खुलकर उनके समर्थन में सप्ताहभर धरना-प्रदर्शन किया था।

दूसरी ओर, नहर किनारे स्थित अपने कैंप कार्यालय में शाम को पत्रकारों से बातचीत में चैंपियन ने कर्णवाल पर पलटवार किया। चैंपियन ने कहा कि कर्णवाल उनके विरुद्ध अमार्यादित और व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

कहा कि भाजपा एक मर्यादित पार्टी है, इसलिए कर्णवाल की यह बयानबाजी उनको मुश्किल में डाल देगी। रही बात कर्णवाल के जाति प्रमाण-पत्र की तो उनके पास उसके फर्जी होने के पुख्ता प्रमाण हैं। इस मामले में कर्णवाल बच नहीं पाएंगे। चैंपियन ने कहा कि उन्होंने हमेशा समाज सेवा को ही अपना प्रथम धर्म माना है। यही वजह कि वह चार बार विधायक बन चुके हैं। क्षेत्र की जनता का प्यार, आशीर्वाद और सम्मान उनके साथ है। हर धर्म, हर जाति के लोग उनके साथ हैं। 

उन्होंने कहा कि कर्णवाल की पत्नी के खिलाफ सहारनपुर के कोतवाली देहात में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज है। यही नहीं, खुद कर्णवाल के खिलाफ भी सहारनपुर में तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कहा कि कर्णवाल ने अपने साथी से जो हरकत कराई है, उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ फेसबुक पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर भी तहरीर दे दी गई है। उन्होंने कर्णवाल को चैलेंज दिया कि अगर हिम्मत हो तो कुश्ती के लिए नेहरू स्टेडियम में आकर उनसे दो-दो हाथ करें।

मैदान में पहुंचे चैंपियन 

खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन शनिवार को नेहरू स्टेडियम स्थित कुश्ती के मैदान में पहुंचे। उन्होंने कहा कि विधायक देशराज  ने उनके चैंपियन होने पर सवाल उठाए थे। इसके चलते उन्होंने उन्हें नेहरू स्टेडियम में कुश्ती के मैदान में दंगल के लिए शनिवार को 12:00 बजे बुलाया था। 

चैंपियन अपने समय पर पहुंचे, लेकिन विधायक देशराज नहीं आए। इस पर उन्होंने कहा कि विधायक देशराज कर्णवाल फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में जेल जाएंग। 

कर्णवाल का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कराने जाएंगे हाई कोर्ट

पूर्व जिला पंचायत सदस्य पप्पू सिंह आजाद ने प्रशासन पर झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाणपत्र को जान-बूझकर निरस्त नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस मामले में उच्च न्यायालय जाने की चेतावनी दी है। आजाद ने लक्सर के शेखपुरी गांव में प्रेसवार्ता कर कहा कि कर्णवाल को एक जुलाई 2005 को रुड़की तहसील से जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया था।

तत्कालीन जेएम रुड़की सचिन कुर्वे की ओर से कराई गई जांच में वह गलत पाया गया। इस मामले में लेखपाल दिनेश कुमार को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी, लेकिन कर्णवाल का जाति प्रमाणपत्र अभी तक निरस्त नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय जाने का निर्णय लिया है। उधर, विधायक कर्णवाल का कहना है जेल जाने से बचने के लिए इन लोगों की ओर से ऐसी अनर्गल बयानबाजी की जा रही है।

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